जन्माष्टमी के अवसर करें ये विशेष उपाय, बदल जाएंगी आपकी की तकदीर ….
देशभर में आज जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है,मथुरा – वृंदावन के साथ देश के अन्य राज्यों में भी इस पर्व की धूम देखी जा रही है। सुबह से भी कृष्ण मंदिरों में हरे रामा-हरे कृष्णा के जयकारों के साथ भक्तों की भीड़ उमडी हुई है। इस दिन को खास बनाने के लिए लोग इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने के साथ ही उनका विधिविधान से व्रत भी करते है । आपको बता दें , यह पर्व भगवान विष्णु के श्रीकृष्ण के अवतार पर मनाया जाता है। इस साल यह पर्व दो दिनों को मनाया गया है, ऐसे में जिन्होने कल यह व्रत नहीं किया वे आज यह त्यौहार मना रहे है तो, आइए जानते है जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि क्या है ….
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शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यो द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, गृहस्थ वाले लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे। जन्माष्टमी की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त भी 6 सितंबर को रात 11 बजकर 56 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
जन्माष्टमी पर मूर्ति का कैसे करें चुनाव ?
जन्माष्टमी पर सामान्यत: बाल कृष्ण की स्थापना की जाती है। आप अपनी मनोकामना के आधार पर जिस स्वरूप को चाहें स्थापित कर सकते हैं. प्रेम और दाम्पत्य जीवन के लिए राधा कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। संतान के लिए बाल कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। धन प्राप्ति के लिए कामधेनु गाय के साथ विराजमान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।
जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी के मौके पर मध्याह्न रात के समय काले तिल जल से डाल कर स्नान करें। इसके बाद देवकीजी के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करें। इसके बाद श्रीकृष्ण मूर्ति या चित्र स्थापित करें। अब घर के मंदिर में श्री कृष्ण भगवान या फिर ठाकुर जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं। फिर मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के पंचामृत से स्नान कराएं। अब शुद्ध जल से स्नान कराएं. पूजा प्रारंभ करने के पहले खीरा जरूर काटें। रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करें और फिर आरती करें।
जन्माष्टमी पर इस समय करें व्रत पारण
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के समापन के बाद जन्माष्टमी व्रत का पारण करने का विधान है. इस दिन देर रात 12 बजकर 42 मिनट के बाद पारण कर सकेंगे। वहीं जो लोग अगले दिन सुबह पारण करते हैं, वे 7 सितंबर को सुबह 06 बजकर 02 मिनट के बाद पारण कर सकते है। जिनके यहां अष्टमी तिथि के समापन पर पारण होता है, वे 7 सितंबर को शाम 04 बजकर 14 मिनट के बाद कर सकते है।
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जन्माष्टमी पर करें ये खास उपाय
बीमारी से निजात के लिए
यदि आप लम्बे समय से किसी बीमारी से ग्रसित है और दवा से भी सही नहीं हो पा रहे है तो कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण का पंचामृत और जल से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान को लाल कपडे अर्पित करने के बाद उन्हें 27 बार झूला झुलाएं। इसके बाद चढाये गये पंचामृत को ग्रहण कर ले।
आर्थिक दिक्कत होगी दूर
आज के दिन भगवान कृष्ण का सु्गंधित जल से अभिषेक करें और उन्हे गुलाबी कपड़े अर्पित करें । इसके बाद उन्हें 9 बार झूला झुलाए और उस सुगंधित जल को पूरे घऱ में छिड़क दें
रोजगार और नौकरी के लिए उपाय
भगवान कृष्ण को सफ़ेद चन्दन और जल अर्पित करें। उन्हें गुलाब के फूलों की माला चढाएं, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र पहनाएं। उन्हें 18 बार झूला झुलाएं. चढ़ाई गई माला अपने पास सहेजकर रख लें. सफेद चंदन का तिलक लगाते रहें।