गंदी हरकत‘ ने घोल दिया महामना की बगिया में जहर

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महामना पंडित मदन मोहन मालवीयजी की तपोभूमि जिसका कुलगीत ‘मधुर मनोहर अतीव सुंदर यह सर्व विद्या की राजधानी‘ देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर ने लिखा है. जिस विश्वविद्यालय और उसके विद्यार्थी दुनिया में परचम लहरा रहे हैं वहां छात्रा संग सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटना वाकई बेहद शर्मनाक है. इस घटना के बाद आंदोलन और उसके तरीके, अपना भविष्य संवारने आई छात्रा के साथ हुई घटना को दूसरा रंग देने की कोशिश की गई. ऐसी घटनाएं हुईं जो यह बताने के लिए काफी है कि महामना की बगिया में जहर खुल गया है.

छात्र इकाईयां राजनीतिक दलों के मोहरे बने

छात्रसंघ विहीन इस परिसर में छात्र इकाईयां बस राजनीतिक दलों के मोहरे बनकर रह गये हैं. यह सबकी अपनी डफली और अपना राग चरितार्थ करती है.
महमना ने भिक्षा मांगकर जिन बच्चों के भविष्य के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया उनके सपनों पर इससे बड़ा कुठाराघात और क्या हो सकता है. महामना के इस आंगन के फूल दुनिया में खूशबू बिखेर रहे हैं और यहां कर्णधारों के रहते ऐसी गंदी हरकतें ? जिम्मेदारों को इसपर गंभीरता से सोचना चाहिए.

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अधिकतर ने बंद रखी है अपनी जुबान

यह घिनौनी करतूत शर्म से सिर नीचा करने वाला है. इस आंगन से निकल कर कई हस्तियां सत्ता के शीर्ष पर और प्रशासन में हैं. वे क्या सोचते होंगे यह तो पता नहीं लेकिन अधिकतर लोगों के जुबान पर ताले लटके दिखाई दे रहे हैं. बीएचयू परिसर से लगायत काशी की गली-गली में इस घटना की चर्चा है. यहां के हजारों लोग हैं जो महामना के मंदिर के पूर्व छात्र और कर्मचारी हैं. हर किसी के जुबान पर कड़ी निंदा के स्वर मुखर हो रहे हैं. जीरो टालरेंस, नारी वंदन और महिलाओं के सम्मान में कसीदे पढ़नेवाले बैकफुट पर आ गये हैं.

सत्ताधारियों संग आरोपितों की तस्वीरें आग में डाल रही पेट्रोल

सत्ताधीशों के साथ नारी का चीरहरण करनेवाले दुराचार के आरोपितों की सत्ताधारियों के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं. विपक्षी दल हमलावर हैं. बेटी पढ़ाओ और नारी सम्मान के भाषणनवीशों से सवाल पूछे जा रहे हैं. देश के शीर्ष शिक्षा के मंदिर की गंदगी के छींटे सत्ता के उच्च पदों पर बैठे लोगों तक पहुंचे हैं. अब किस मुंह से काशी में वह दोबारा ऐसी बात करेंगे यह देखनेवाली बात होगी. काशी भाजपा का दशकों से गढ़ है और पूर्वांचल की राजनीति का केंद्र विंदु भी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगायत तमाम केंद्रीय और प्रदेश के मंत्री या खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल समेत आसपास के क्षेत्रों के वोट बैंक को साधने के लिए यहीं से तीर छोड़ते हैं. लेकिन यह जहरबुझा तीर काशी से ही छूट गया है. अब यह तीर किस-किस को घायल करेगा आनेवाला वक्त ही बताएगा? मालवीयजी की बगिया को एक बार फिर सख्ती से सफाई की जरूरत है, बस सफाई करनेवालों की नीयत साफ होने की जरूरत है.

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