ढोल नगाड़े के साथ निकाली गई किन्नरअखाड़ा की देवत्व यात्रा पेशवाई

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किन्नर अखाड़ा की देवत्व यात्रा पेशवाई रविवार को रामभवन चौराहे से सुबह 9:00 बजे गाजे-बजे के साथ ऊंटों पर सवार होकर ढोल नगाड़े बजाते हुए निकाली गई। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि दो बड़ी परीक्षाओं के कारण पूर्व निर्धारित स्थान में परिवर्तन किया गया था।

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आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि राम भवन चौराहे पर स्थित भगवान शिव के मंदिर में विधि-विधान से रविवार को पूजन के बाद देवत्व यात्रा की शुरुआत हुई।

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अलोपी बाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में पूजन के बाद यात्रा आगे बढ़ी।

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इससे पहले कुंभ मेला 2019 क्षेत्र के सेक्टर-12 संगम पूर्वी पटरी पर लगे शिविर में शनिवार को यज्ञशाला पूजनम ध्वजारोहण किया गया।

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उन्होंने बताया कि सेक्टर-6 के नगवासुकी थाने के पीछे स्थापित संस्था ओम नमः शिवाय के शिविर में एक साथ 50,000 से ज्यादा लोगों के लिए भंडारा बनेगा।

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किन्नर अखाड़ा की प्रमुख आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी महराज ने बताया कि देवत्व यात्रा छह जनवरी को रामभवन चौराहे से शुरू हुई।

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इसमें बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने और विदेश के किन्नर, अखाड़े के सभी पदाधिकारी और बड़ी संख्या में शिष्य शामिल हुए।

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उन्‍होंने बताया कि तीर्थराज प्रयाग से किन्नर अखाड़े का देश और विदेश में विस्तार करते हुए सनातन धर्म को नई दिशा दी गई।

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सनातन धर्म के उत्थान, प्रचार-प्रसार और उसे नई दिशा की आज जरूरत है क्योंकि सनातन धर्म के आज के जो संवाहक हैं वे अपने और अपनी दुनिया में मस्त हैं।

वे न तो सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और न ही सनातन धर्म मानने वाले उन गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं जो आज सनातन धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में जा रहे हैं।

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पेशवाई में किन्नरों के साथ ही श्रद्धा का शैलाब उमड़ रहा था। किन्नरों के साथ स्थानीय लोग भी उत्साह से झूमते दिखे।

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