पाकिस्तान के बाद अब दलितों के लिए अलग ‘हरिजिस्तान’ की मांग

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एससी एसटी कानून पर जारी विवाद के बीच बिहार में पूर्व मंत्री रह चुके रमई राम का एक बड़ा बयान आया है। शरद यादव खेमे के जेडीयू नेता रमई राम ने मंगलवार (3 अप्रैल) को कहा कि यदि देश के अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों को संविधान द्वारा मिले अधिकार नहीं दिये गये और उन अधिकारों की रक्षा नहीं की गई तो भारत में अलग हरिजिस्तान की मांग फिर से उठ सकती है।

अधिकारों में कटौती करने की साजिश रची जा रही है

आठ बार विधायक रह चुके रमई राम ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारों में कटौती करने की साजिश रची जा रही है। बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा आजादी के वक्त पाकिस्तान के बाद हरिजिस्तान की मांग उठाये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 70 सालों तक सरकार ने समाज में भाईचार और प्रेम कायम रखा, लेकिन अब मौजूदा सरकार की नजर दलितों के विधि सम्मत अधिकारों पर है।

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उन्होंने कहा कि अब इस वर्ग के सुरक्षा और विकास की बात को पीछे रखा जा रहा है।बिहार के मुजफ्फरपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रमई राम ने केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर भी हमला बोला। रमई राम ने कहा कि पासवान दलित समाज के हित की बात करने की बजाय अपने परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी के साथ राजनीति कर रहे हैं। 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा एससी एसटी कानून में बदलाव के खिलाफ बुलाये भारत बंद को उन्होंने एतिहासिक बताया और कहा कि इस दौरान जो लोग मारे गये उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए।

संवैधानिक सुविधाओं से वंचित कर रही है

रमई राम ने कहा कि ऐसे लोगों के परिवार वालों को सरकार को आर्थिक मदद और सामाजिक सम्मान दिया जाना चाहिए।रमई राम ने कहा कि मौजूदा सरकार कोर्ट और कानूनी अड़चनों की आड़ में दलितों को मिलने वाली संवैधानिक सुविधाओं से वंचित कर रही है। रमई राम ने कहा कि सरकार ना सिर्फ उनकी उपेक्षा कर रही है, बल्कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। बता दें कि नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ बगावत कर चुके शरद यादव का साथ देने के लिए जेडीयू ने रमई राम को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

जनसत्ता

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