वसीम रिजवी की हत्या की साजिश नाकाम, डी-कंपनी के 3 गुर्गे अरेस्ट
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। अंडरवर्ल्ड डॉन से इंटरनैशनल टेररिस्ट नेटवर्क की ‘मेन ब्रांच’ बन चुके दाऊद इब्राहिम की ‘डी-कंपनी’ ने यूपी के शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रची, लेकिन पुलिस ने इनके इरादों पर पानी फेरने का दावा किया है। सेल की टीम ने डी-कंपनी के तीन शूटर्स को बुलंदशहर से अरेस्ट किया है।
डी-कंपनी के संपर्क में थे तीनों आरोपी
स्पेशल सेल का कहना है कि तीनों दुबई में डी-कंपनी से संपर्क में थे। उनके कब्जे से पिस्टल और कारतूस बरामद हुए हैं। वहीं, सूत्रों ने बताया है कि एक आरोपी कुछ समय पहले दुबई होकर आया है। वहां उसे डी-कंपनी की ओर से अडवांस के तौर पर चार हजार दिरहम (सऊदी अरब की करंसी) दिए गए और बाकी रकम काम होने के बाद देने का वायदा हुआ।
हत्या की साजिश का प्लान था तैयार
डीसीपी प्रमोद कुमार कुशवाह ने तीनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि आरोपियों के नाम सलीम अहमद अंसारी, अबरार और आरिफ हैं। तीनों बुलंदशहर के रहने वाले हैं और बुलंदशहर से ही गिरफ्तार किए गए हैं। उनसे दो पिस्टल, एक कट्टा, 14 कारतूस, कई मोबाइल और कुछ सिम बरामद हुई हैं। सेल की टीम काफी समय से तीनों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। तीनों दुबई से डी-कंपनी के नेटवर्क में थे। जैसे ही यह जानकारी पुख्ता हुई कि तीनों रिजवी की हत्या की साजिश का फाइनल प्लान तैयार कर चुके हैं, सेल की टीमों ने बुलंदशहर में रेड करके तीनों को अरेस्ट कर लिया। उनसे अधिक जानकारी लेने के लिए पूछताछ जारी है।
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तीनों डी-कंपनी में किसके संपर्क में थे? वहां से कितना अडवांस लिया था? कोई दुबई भी गया था? इन सवालों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इन्वेस्टिगेशन प्रभावित होने की आशंका के चलते आधिकारिक तौर पर फिलहाल कोई जानकारी देने से इंकार किया।
मुस्लिम कट्टरपंथ के खिलाफ रहे हैं रिजवी
बता दें कि रिजवी दो माह पहले अयोध्या में रामजन्म भूमि के विवादित परिसर गए थे। वहां उन्होंने मुस्लिम कट्टरपंथ के खिलाफ बयान दिया था, जो सुर्खियों में रहा। उन्होंने बताया था कि राम मंदिर निर्माण समिति और शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से संयुक्त समझौते की कॉपी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है। भारत में सेक्युलर मुस्लिम राम मंदिर के पक्ष में हैं। राम मंदिर तो बहुत पहले बन जाना चाहिए था। अब कट्टरपंथियों की ताकत कमजोर हो रही है। भारत में जिहाद का सपना देखने वालों को जिन्ना के साथ ही पाकिस्तान चले जाना चाहिए था।
इससे पहले रिजवी पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मदरसा बोर्ड भंग करने और केंद्रीय कैबिनेट सेक्रेटरी को मदरसों की जांच की मांग कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने कट्टरपंथियों से अपनी जान को खतरा होने का अंदेशा भी जताया था। पिछले साल स्पेशल सेल ने छोटा शकील के गुर्गे जुनैद चौधरी को गिरफ्तार किया था। सेल के अनुसार, जुनैद छोटा शकील के इशारे पर इस्लामिक स्कॉलर तारिक फतेह की हत्या करवाना चाहता था।