दिल्ली हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने पुलिस को शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. बता दें साल 2018 में एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने से स्पष्ट होता है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने तक पुलिस की ओर से पूरी तरह से अनिच्छा नजर आ रही थी. पुलिस की ओर से निचली अदालत में पेश रिपोर्ट अंतिम रिपोर्ट नहीं थी.
BJP's Shahnawaz Hussain moves SC over Delhi HC order directing FIR against him in 2018 rape case
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— ANI Digital (@ani_digital) August 18, 2022
बता दें निचली अदालत ने पुलिस के तर्क को खारिज कर दिया था और कहा था कि महिला की शिकायत में संज्ञेय अपराध का मामला है. पुलिस ने अदालत में रिपोर्ट पेश कर कहा था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ मामला नहीं बनता.
उधर, शाहनवाज हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायालय को बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनके मुवक्किल को क्लीन चिट दे दी थी, बावजूद इसके मजिस्ट्रेट ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. अदालत में महिला की शिकायत पर पुलिस के जवाब को रद्द करने की रिपोर्ट के रूप में माना जाना चाहिए. क्योंकि किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हुई है.
पूरे मामले में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दिल्ली की एक महिला ने 12 अप्रैल, 2018 को छतरपुर के एक फार्म हाउस में नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने का और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. महिला ने इस बारे में दिल्ली पुलिस में शिकायत की, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने के बाद उसने अदालत में अर्जी दाखिल कर भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी.