दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के लिए इस चेहरे पर जल्द सकती है सोनिया की मुहर
दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे जैसे ही नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे ही चुनावी सरगर्मी तेज होती जा रही है। कांग्रेस पार्टी दिल्ली प्रदेश के लिए जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार नवयुवक हाथों पर दिल्ली की बागडोर सौंप सकती है।
लग सकती है मुहर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के बीच प्रदेश अध्यक्ष के लिए संभावित सभी नामों पर विस्तार से चर्चा हो चुकी है। इस चर्चा में ज्यादातर नाम किसी न किसी आपत्ति के साथ दरकिनार कर दिए गए हैं। अब केवल दो नाम विचाराधीन हैं। प्रबल संभावना है कि सोनिया इन्हीं में से किसी एक नाम पर अपनी मुहर लगाएंगी।
जेपी जाहिर कर चुके अनिच्छा
बताया जा रहा है कि उक्त बिंदुओं के मददेनजर सोनिया और पीसी चाको की चर्चा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल, सुभाष चोपड़ा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री के नाम पर इसलिए सहमति नहीं बनी क्योंकि सुभाष और योगानंद जहां सक्रिय राजनीति से ही दूर हैं, वहीं जेपी खुद से भी अपनी अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं।
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तो इसलिए दलित पर दांव नहीं लगाना चाहती कांग्रेस
तीनों की उम्र भी पार्टी को प्रदेश इकाई में उत्साह का संचार करने वाली नहीं लग रही। मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया सहित किसी दलित चेहरे पर पार्टी इसलिए दांव नहीं लगाना चाह रही, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस की कमान पहले ही दलित नेता के तौर पर कुमारी शैलजा को दे दी गई है। दिल्ली और हरियाणा आपस में काफी जुड़े हुए हैं, इसलिए पार्टी दोनों जगह दलित चेहरा नहीं रखना चाहती।
राहुल गांधी ने इन नामों की दी राय
जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी ने देवेंद्र यादव या राजेश लिलोठिया में से किसी एक काे अध्यक्ष पद देने का सुझाव दिया था, किन्तु जब एआइसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पीसी चाको से इस बाबत राय मांगी तो उन्होंने आपत्ति जताते हुए दोनों ही नामों को सिरे से नकार दिया।
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