लो भइया ‘चार दिन की चांदनी’ और फिर अंधेरी रात, देखे विडियो

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चार दिन की चांदनी और फिर अंधेरी रात… ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। ये कहावत आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ की चुनिंदा सड़कों पर काफी हद तक फलीभूत हो रही हैं। हम बात कर रहे राजधानी लखनऊ में आयोजित हुए दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट के दौरान की गई साज सज्जा की। दरअसल दो दिन पहले तक लखनऊ के गोमतीनगर विभूतीखंड, शहीद पथ और इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के आसपास इलाके की तस्वीर ही कुछ और थी।

सड़कों किनारे से हटा दिए गए गमले

प्रदेश सरकार ने सिर्फ दो दिन के लिए लखनऊ के कुछ इलाकों को इस कदर चमका दिया कि इलाके पहचान में नहीं आ रहे थे। महीनों पहले से ही सड़कों फू़टपाथ, गेट इमारतों पर रंग रोगन किया गया। सड़को के किनारे गमले रखे गए। गोमती नगर को फूलों और लाइटों से सजाया गया। हर चौराहे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए। गुरुवार को इस समारोह का समापन होते ही वापस उसी तस्वीर में लखनऊ के ये इलाके नजर आने लगे।

इन्वेस्टर्स समिट के लिए की गई थी साज-सज्जा

गोमतीनगर लोहिया पथ और आस पास के इलाकों में लगाए गए गमले हटा लिए गए। आपको बता दे कि 21 और 22 फरवरी को राजधानी लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना था। ये आयोजन देश का अब तक बड़ा आयोजन माना जा रहा था।

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इस आयोजन में देश के ही नहीं विदेश के जाने माने दिग्गज और चर्चित चेहरों ने हिस्सा लिया। सीएम ने इन मेहमानों को खुश करने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया। मेहमान आए और न सिर्फ खुश होकर गए बल्कि निवेश का आश्वासन भी देकर गए।

छात्र-छात्राओं ने किया था स्प्रे पेंट

आर्ट कालेज के छात्र छात्राओं ने गोमती नगर और आस पास के इलाके के सड़को के किनारे खम्बों पर स्प्रे पेंट करके सजाया था।

साफ सफाई पर बड़ा सवाल

इन सब के बीच बड़ा सवाल ये है कि राजधानी को किसी मेहमान के आने और समारोह का ही इंजतार क्यों है। क्यों सिर्फ मेहमानों को ही खुश करने के लिए सरकार इतने जतन किये। जबकि राजधानी की हमेशा ऐसी ही साज सज्जा रहे तो कोई भी मेहमान या किसी कार्यक्रम की मोहताज ना रहे..कोई भी कभी भी लखनऊ में आए और खुश होकर जाए।

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