महिला उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहीं 10 अहम बातें…

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सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने दहेज उत्पीड़न के मामले में शनिवार को कई ऐताहासिक फैसले लिए। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। जिसमें चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस ए एम खानविलकर, और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ शामिल थे।

अग्रीम जमानत का ऑप्शन…

कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के मामले (498A) में अपने पहले के फैसले को पलटते हुए आरोपी पति और उसके परिवार को मिलने वाले सेफगार्ड को खत्म कर दिया है। इस मामले में आरोपी पति की गिरफ्तारी का रास्ता खोल दिया गया है, लेकिन आरोपी के लिए अग्रीम जमानत का ऑप्शन भी दे दिया गया है।

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शिकायतों का निपटारा किए जाने के लिए परिवार कल्याण कमिटी की कोई आवश्यकता नहीं है। जिसके बाद सर्वोच्च अदालत ने दहेज उत्पीड़न मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हाटते हुए कहा कि ऐसे मामले में पीड़िता की सुरक्षा के लिए ऐसा करना आवश्यक है।

मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने लिया फैसला…

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने शनिवार को इस मामले पर सुनवाई की। जिसमें चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ शामिल रहे। इस पीठ ने अपने फैसले को पलटते हुए आरोपी की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया है। हम आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 बड़ी बाते कहीं हैं।

महिला उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कही 10 बातें…

* दहेज उत्पीड़न मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायतों के निपटारे के लिए परिवार कल्याण कमिटी की कोई आवश्यकता नहीं।
* सुप्रीम कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के आरोपी और उसके परिवार को मिले सेफगार्ड को खत्म करते हुए उनकी गिरफ्तारी का रास्ता खोल दिया है।
* आरोपी की गिरफ्तारी का रास्ता खोलने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत का ऑप्शन भी दे दिया है।
* सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर जरूरत हो तो पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी कर सकती है।
* सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के दुरुपयोग करने की जांच के लिए उचित नियम बनाने का फैसला संसद पर छोड़ दिया है।
* सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पर अपने पूर्व फैसले को पलटते हुए कहा कि ऐसा करना पीड़िता की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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* सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही सुप्रीम बैंच ने माना कि दहेज उत्पीड़न कानून (498A) की संबंधित धारा में कई खामियां हैं।
* दहेज उत्पीड़न कानून की धारा में खामियों की बात कहते हुए कोर्ट ने कहा कि इस खामियों को संसद द्वारा दूर किया जाना चाहिए।
* कोर्ट ने कहा कि संसद को चाहिए कि इन दहेज उत्पीड़न की संबंधित धारा 498A के दुरुपयोग से बचने के लिए एक उचित नियम बनाया जाए ताकि इसका गलत इस्तेमाल न किया जा सके।
* दहेज उत्पीड़न के मामले (498A) पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बैंच ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया।

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