फांसी देने से पहले कैदी के कान में ये बोलता है जल्लाद? जानें क्या है नियम

0

पूरा देश निर्भया के दोषियों को सज़ा मिलने का इंतजार कर रहा है। माना जा रहा है कि 16 दिसंबर को दोषियों को फंसी दी जाएगी।

हालांकि अभी तारीख पर अंतिम रूप से फैसला नहीं हुआ है। एक दोषी ने राष्ट्रपति के पास पुनर्विचार याचिका लगाई है। इस पर अभी फैसला आना बाकी है।

यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही उन्हें फांसी दे दी जाएगी।

बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे है कि जब किसी को फांसी दी जाती है तो उसके साथ वहां कौन-कौन लोग मौजूद होते हैं।

साथ ही जानते है कि किसी को फांसी देने का क्या नियम है।

सु​बह के समय ही होती है फांसी-

फांसी के समय की बात करें तो यह महीनों के हिसाब से अलग-अलग होती है।

सुबह 6, 7 या 8 बजे लेकिन वक्त हमेशा सुबह का ही चुना जाता है।

इसके पीछे कारण यह है कि जब फांसी दी जानी है उसे पूरे दिन मौत का इंतजार नहीं करना पड़ता।

सुबह के समय सभी कैदी सो रहे होते हैं।

साथ ही परिवारवालों को भी अंतिम संस्कार का मौका मिल जाता है।

पांच लोग जो फांसी की सजा देते वक्त रहते हैं मौजूद-

जेल जेल सुपरिटेंडेंट

डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट

आरएमओ (Resident Medical Officer)

चिकित्सा अधिकारी (Doctor)

मजिस्ट्रेट या एडीएम

क्या कहता है जल्लाद-

आखिरी वक्त जल्लाद अपराधी के कान में कहता है कि हिंदुओं को राम राम और मुस्लिमों को सलाम।

मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं। मैं आपको सत्य की राह पर चलने की कामना करता हूं।

यह भी पढ़ें: कुलभूषण जाधव केस में भारत की बड़ी जीत, फांसी पर लगी रोक

यह भी पढ़ें: 16 दिसंबर को सूली पर चढ़ाए जा सकते हैं निर्भया के कातिल

 

 

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More