लोकसभा चुनाव से पहले दारुल उलूम ने सियासी पार्टियों को दिया झटका, अब किसी भी नेता को समर्थन न करने का ऐलान

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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी सियासी दल अपनी-अपनी जीत दर्ज करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं. दूसरे दलों में सेंधमारी से लेकर धर्म के नाम पर सियासत अपने चरम पर है. हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करके किसी भी तरह से अपने पाले में वोटर्स को खींचने की कवायद हो रही है. इसी बीच दुनियाभर में इस्लामी तालीम के लिए प्रसिद्ध दारूम उलूम ने बड़ा ऐलान किया है. इससे चुनाव लड़ने वाले नेताओं और पार्टियों को झटका लग सकता है.

किसी भी नेता या पार्टी का समर्थन नहीं करेगा देवबंद

दारुल उलूम ने लोकसभा चुनाव को लेकर कहा है कि दारुल उलूम के उलमा किसी भी राजनीतिक दल के नेता का स्वागत नहीं करेंगे. इसके साथ ही उलमा किसी भी नेता या पार्टी के सदस्यों से मुलाकात भी नहीं करेंगे. अब ऐसे में धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है.

देवबंद दारुल उलूम से जुड़े हैं करोड़ों मुसलमान

इस्लामी तालीम के लिए मशहूर सहारनपुर के देवबंद दारुल उलूम से देश-दुनिया के करोड़ों मुसलमान जुड़े हुए हैं. ऐसे में उलूम की तरफ से जारी किए गए इस फैसले का ये सभी पालन करेंगे. ऐसे में नेताओं के लिए चुनाव से पहले उलमा नेता तमाम आयोजन करते थे, जिसपर अब पाबंदी लगने से इन नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. चुनाव शुरू होते ही नेता दारुल उलूम के चक्कर काटना शुरू कर देते थे.

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दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी राजनीतिक दल का अब समर्थन नहीं किया जाएगा. कुछ साल पहले एक पार्टी के अध्यक्ष दारुल उलूम आए थे, उनके साथ आए स्थानीय नेताओं ने पूर्व मोहतमिम का हाथ पार्टी के मुखिया के सिर पर रखवा दिया था, जिसको लेकर बाहर गलत प्रचार किया गया और तमाम तरह की बातें बनाई गईं. इसी के चलते ये फैसला दारुल उलूम की ओर से लिया गया है.

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