अनसुलझा रहस्य : 1518 में फैली थी ऐसी महामारी, नाचते-नाचते मर रहे थे लोग
प्रकृति के कई रहस्य आज भी अनसुलझे हैं। वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यों से तो परदा हटा लिया है लेकिन दुनिया की कुछ रहस्यजनक चीजों पर से अभी तक परदा नहीं हटाया जा सका है। आइए जानते हैं आज एक ऐसी ही पहेली के बारे में जो आज भी सभी के लिए अबूझ बनी हुई हैं
द डांसिंग प्लेग ऑफ 1518-
इतिहास में इस घटना के शुरू होने और खत्म होने की कोई सही तारीख दर्ज नहीं है। माना जाता है कि यह घटना सन 1518 में यूरोप के स्ट्रासबर्ग में की घटी थी।
यहां एक महिला ने सड़क पर नाचना शुरू कर दिया। संगीत की कोई धुन आस-पास नहीं बज रही थी। वह महिला पूरा दिन और पूरी रात नाचती रहती थी। आश्चर्य की सीमा तब पार हो गई, देखते ही देखते सड़क पर करीब 34 लोग नाचने लगे। उनमें से कोई रूकने को तैयार नहीं था।
इनमें से कोई भी खुश नहीं दिख रहा था। उनके चेहरे पर कोई भाव तक जाहिर नहीं हो रहा था। बस वे नाचे जा रहे थे। इनमें से किसी ने भी ना पानी पिया न खाना खाया। दिन के बाद रात गुजरी और फिर अगला दिन और रात गुजरने लगी।
नाचते-नाचते गई 400 लोगों की जान-
एक सप्ताह के अंदर करीब 100 और लोगों को नाचने की तलब होने लगी। उस वक्त वहां के अधिकारियों को लगा कि इस बीमारी का इलाज भी दिन-रात नाचने से ही होगा।
उन लोगों को एक अलग कर एक हॉल में ले जाया गया। डांस जारी रखने में मदद करने के लिए वहां बांसुरी और ड्रम बजाने वालों की व्यवस्था की गई।
लेकिन कुछ ही दिनों में कमज़ोर दिल वाले लोगों ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। प्रशासन की नजर में यह एक तरह का प्लेग था, जिसने लगभग 400 लोगों की जान ले ली। इतिहासकारों ने इसे ‘डांसिंग प्लेग’ का नाम दिया है।
रहस्यमय तरीके से हुआ खत्म-
इतिहासकार जॉन वालेर ने अपनी किताब ‘ए टाइम टू डांस, ए टाइम द डाय: द एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्टोरी ऑफ द डांसिंग प्लेग ऑफ 1518’ ने इस पूरी घटना को विस्तार से लिखा है।
उनके अनुसार, जिस तरह से लोग एक के बाद एक डांस करने के लिए राजी हो रहे थे। उसे देखकर लगा था कि यह कोई विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा है, जो लोग नाच रहे थे उनके परिवार वाले भी डरे हुए थे।
बहरहाल 1518 में जो स्ट्रासबर्ग में हुआ, वह ऐतिहासिक था। उस तरह का ‘डांसिंग प्लेग’ न तो पहले कभी हुआ था, न बाद में कभी हुआ! ‘डांसिंग प्लेग’ रहस्यमय तरीके से समाप्त हो गया जिस तरह से यह शुरू हुआ था।
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