मोदी और योगी की कठिन परीक्षा, 150 लोगों ने छोड़ा हिंदू धर्म

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2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दलित और पिछड़ा कार्ड खेलकर सत्ता की चाभी अपने हाथ में की, लेकिन अब उन्हीं दलितों ने सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए हिंदू धर्म को छोड़ने का एलान कर दिया है।

मामला सहारनपुर हिंसा से जुड़ा हुआ है। जहां 150 से ज्यादा लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। यह पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि 2019 का चुनाव अगर जीतना है तो दलितों के वोट में सेंधमारी जरुर करनी होगी। तभी दिल्ली की सत्ता दोबारा हाथ में आ सकती है।

हिंदू धर्म छोड़ने वाले लोगों का आरोप है कि योगी सरकार में दलित समाज सहित अन्य पिछड़े समाज पर शोषण हो रहा है। दरअसल सहारनपुर हिंसा के बाद प्रशासन ने भीम सेना के कार्यकर्त्ताओं को जेल भेज दिया है। जिससे नाराज दलित समाज के 150 लोगों ने धर्म परिवर्तन का संकल्प लिया और देवी-देवताओं की मूर्तियों को नहर में विसर्जित किया।

बता दें कि सहारनपुर में 20 अप्रैल को सड़क दूधली में अम्बेडकर यात्रा निकलने को लेकर मुस्लिमों और दलितों में पथराव हो गया था। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले किया था। इसके बाद 5 मई को बड़गांव थाना क्षेत्र के शाबिरपुर गांव में महाराणा प्रताप की यात्रा निकालने को लेकर राजपूतों और दलितों में जमकर बवाल हुआ था, जिसमें दलितों के करीब तीन दर्जन घरों में आग लगा दी गई थी और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।

दोनों घटनाओं को लेकर जब दलितों के समर्थन भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता गांधी पार्क में धरना दे रहे थे तो पुलिस प्रशासन ने इन लोगों को वहां से खदेड़ दिया था। इसके बाद भीम आर्मी के कार्यकर्त्तोओं ने सहारनपुर में कई जगह जाम लगाते हुए प्रदर्शन किया और उपद्रवियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। जिसमें रामनगर सहित कई जगह पर बस व मीडिया के भी दर्जनों वाहनों को फूंक दिया गया था।

घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस प्रशासन ने वीडियो फुटेज व सोशल मीडिया के आधार पर भीम आर्मी के कार्यकर्त्तोओं सहित दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर पर भी थाना सदर बाजार सहित कई थानों में मुकदमे दर्ज किए गए है। हालांकि चंद्रशेखर की अबतक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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