देवरिया कांड : हाई कोर्ट ने जांच पर उठाए कई सवाल
देवरिया संरक्षण गृह मामले की सोमवार को सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने एसआईटी की जांच की जानकारी इलाहाबाद हाई कोर्ट को दी। कोर्ट ने जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए कई सवाल उठाए।
चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस को शेल्टर होम के स्टाफ, पड़ोसियों, लड़कियों को लाने-ले जाने वाली कारों के ड्राइवरों का पता लगाकर बयान दर्ज करने चाहिए थे।
अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी
यह जानने का प्रयास नहीं किया गया कि लड़कियां कहां और किस वीआईपी के पास जाती थीं/ मीडिया में पीड़ितों की पहचान व नाम देने पर अदालत ने सख्त नाराजगी जताई। कहा-यदि मीडिया लड़कियों के नाम उजागर करेगा तो कोर्ट अवमानना की कार्यवाही करेगा। अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भवन सील कर दिया गया है। प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।
Also Read : त्यौहार पर घर जाने की सोच रहे हैं, तो ये खबर जरुर पढ़े
कोर्ट ने पूछा कि ब्लैक लिस्टेड शेल्टर होम में लड़कियां भेजने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई/ इस पर गोयल ने बताया कि शेल्टर होम में 18 थानों से लड़कियां भेजी गई थीं। सम्बंधित थाना प्रभारियों के तबादले कर दिए गए हैं। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 48 घंटों के भीतर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विधिक सेवा के सचिवों से करवाया जाए निरीक्षण
कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि, क्यों न विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला सचिवों को शेल्टर होम के निरीक्षण के लिए कहा जाए/ कोर्ट मामले को लेकर कितना गम्भीर है, इसका बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में चार बार इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने दस बजे, 12 बजे, दो बजे और फिर चार बजे इस मामले पर सुनवाई की। बलिया के केस को लेकर डॉ पद्मा सिंह, अनुराधा और स्त्री अधिकार संगठन ने याचिकाएं दाखिल की है।
पुलिस ने आरोपितों की तीन दिन की रिमांड मांगी थी
पटना के राजीव नगर में मनोरोगी महिलाओं के लिए संचालित आश्रय गृह में दो लड़कियों की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपितों को पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर ले लिया है। पुलिस ने मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आश्रय गृह की महिलाओं का इलाज करने वाला डॉक्टर व नर्स फरार है। पुलिस ने आश्रय गृह का संचालन करने वाली स्वयंसेवी संस्था अनुमाया के निदेशक चिरंतन कुमार और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल को सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत कुमार की अदालत में पेश किया था। पुलिस ने आरोपितों की तीन दिन की रिमांड मांगी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)