हिमाचल में तबलीगियों संग ‘जिला-अमीर’ पर भी मुकदमा होगा
शिमला: कोरोना को लेकर मचे कोहराम पर कंट्रोल पाने में जुटी हिमाचल प्रदेश पुलिस, उत्तराखंड से एक कदम आगे निकली। उत्तराखंड पुलिस ने तो खुद बाहर न आने वाले तबलीगियों के खिलाफ कत्ल और कत्ल की कोशिश का केस दर्ज करने का ऐलान किया था। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राज्य में मौजूद इन तबलीगियों के जिला स्तर पर उस्तादों यानी ‘अमीर’ को भी ठिकाने लगाने का ऐलान कर दिया है।
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राज्य पुलिस महानिदेशालय ने कहा है कि तबलीगीयों के साथ-साथ जिला स्तर पर मौजूद उनके शरणदाताओं, जिन्हें ‘अमीर’ कहा जाता है, के खिलाफ भी कत्ल और कत्ल की कोशिश जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा कायम होगा, जिस अमीर के जिले में कोई संदिग्ध तबलीगी पुलिस या स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पकड़ा जाता है।
मंगलवार को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हिमाचल राज्य पुलिस महानिदेशक एसआर मर्डी ने यह बात कही। राज्य पुलिस प्रमुख ने आगे कहा, “दरअसल पुलिस कई दिन से राज्य के चप्पे-चप्पे पर उन तबलीगियों को दिन-रात तलाश रही है जिनका, ताल्लुक नई दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय से मिला है। जो तबलीगी राज्य में तलाशने पर मिल गये हम लोगों ने उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीमों के हवाले करके सुरक्षित क्वारंटाइन करा दिया। इस तमाम एक्सरसाइज के बाद भी कुछ और तबलीगी पुलिस के बार-बार आगाह आग्रह करने पर भी बाहर निकल कर नहीं आ रहे थे। तब यह सख्त आदेश जारी करना पड़ा।”
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डीजीपी मर्डी ने आगे कहा, “मैंने हर जिला पुलिस प्रमुख को आदेशित कर दिया है कि, अगर तबलीगी जमात के लोग खुद बाहर न निकलें तो, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश) और यदि कोरोना संदिग्ध तबलीगी जिस जगह से मिला है, उस इलाके में कोरोना से किसी की मौत होती है, तो तबलीगी के ही खिलाफ हत्या की कोशिश की धाराओं को कत्ल में बदल दिया जाये।”
एक सवाल के जबाब में हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने माना, “हां, मेरे द्वारा जारी इस आदेश के मुताबिक, इन तबलीगियों को जिला स्तर पर छोटी-मोटी जगहों पर छिपाने का काम (शरण) इनके ‘अमीर’ कर रहे हैं। अब मेरे इस आदेश के बाद जिस इलाके से पुलिस या स्वास्थ्य विभाग की टीमें तबलीगियों को पकड़ेंगीं, उस जिले के अमीर के खिलाफ भी हत्या और हत्या की कोशिश जैसी धाराओं में ही मुकदमे कायम होंगे।”
आप द्वारा जारी किये गये इस आदेश का अब तक क्या परिणाम आया है? पूछे जाने पर पुलिस महानिदेशक मर्डी ने कहा, “12 तबलीगी खुद ही पुलिस के सामने आकर खड़े हो गये हैं। यह वे तबलीगी हैं जिनका दिल्ली के मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय से डायरेक्ट संबंध मिला है। यह सभी 12 वहां की यात्रा करने के बाद राज्य में आकर छिप गये थे। जैसे ही इन सबने राज्य पुलिस द्वारा जारी इस आदेश के बारे में सुना, सब खुद ही सामने आ गये।”
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क्या इन बारह तबलीगियों से आगे की चेन भी मिली है? पूछे जाने पर डीजीपी मर्डी ने कहा, “हां, इन बारह से संपर्क में अन्य 52 लोग जो आये थे। उन सबको भी क्वारंटाइन करवा दिया गया है।” कत्ल और कत्ल की कोशिश का कोई मामला अभी तक राज्य पुलिस ने किसी थाने में किसी संदिग्ध तबलीगी को खुद तलाश कर दर्ज किया है? पूछने पर उन्होंने कहा, “नहीं अभी तक तो यह नौबत नहीं आई है। हां, यह जरुर है कि, अगर यह सब छिपे हुए संदिग्ध लोग खुद ही सामने आ जायें तो समाज और
कानून सबका हित होगा। साथ ही इनके बाहर आ जाने से कोरोना की कमर (चेन) भी तोड़ने में अभूतपूर्व मदद मिल सकेगी।”
उल्लेखनीय है कि, ऐसा ही एक आदेश उत्तराखंड राज्य पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने भी जारी करके तहलका मचा दिया था। इस आदेश से तबलीगी जमात से जुड़े तबलीगियों और अमीरों में खलबली मच गयी थी। परिणाम यह रहा कि, आदेश जारी होते ही दर्जन भर तबलीगी खुद ही पुलिस के पास चलकर पहुंच गये।
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