कोरोना संकट के बीच योगी सरकार ने कैदियों को दी बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर जेलों में बंद कैदियों का इससे बचाव करने के लिए एहतियात के तौर पर दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने देश में कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए राज्य की 71 जेलों में बंद 11,000 से अधिक कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है।

शीर्ष अदालत ने पिछले हफ्ते सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे 7 साल की अवधि तक की सजा प्राप्ति और विचाराधीन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहाई करने के विचार के लिए उच्च-स्तरीय समितियों का गठन करें।

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर जेलों में बंद कैदियों का इससे बचाव करने के लिए एहतियात के तौर पर दिया था।

 corona crisis prisoners release : SC का आदेश-

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में, राज्य सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया, जिसने 27 मार्च को न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की। इस समिति ने निर्देश दिया है कि राज्यन की 71 जेलों में दर्ज विचाराधीन और जिन अपराधियों की अधिकतम सजा 7 साल की है, उन्हें निजी मुचलके पर 8 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी जाए और तुरंत जेल से मुक्त कर दिया जाए।’

बयान में आगे कहा गया है, ‘अपराध के लिए दोषी ठहराए गए उन अपराधियों को जिन्हें 7 साल या उससे कम की सजा दी गई है, उन्हें 8-सप्ताह की पैरोल पर निजी मुचलके पर रिहा किया जा रहा है और रविवार को उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा।’ राज्य की जेलों में लगभग 8,500 विचाराधीन और 2,500 अपराधी हैं। अकेले कानपुर में, 70 दोषियों सहित 303 कैदियों को आठ सप्ताह के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।

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