सब की निगाहें अब जया और अंबेडकर पर…
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मतदान जारी है। 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। बीजेपी ने नौंवें सीट पर उम्मीदवार उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है। सुबह से क्रॉस वोटिंग के लगातार संकेत मिल रहे हैं। साथ ही 2 विधायकों को वोटिंग से रोककर बीजेपी ने विपक्ष के सियासी गणित को बिगाड़ दिया है।
ऐसे में सबकी निगाहें सपा उम्मीदवार जया बच्चन और बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर पर टिक गई हैं। क्या दोनों जीतेंगे या फिर बीजेपी का गणित सफल रहेगा। बीजेपी अपने नौंवे उम्मीदवार अनिल अग्रवाल को जिताने में कामयाब रहती है तो विपक्ष के दोनों प्रत्याशियों में से किसी एक को ही राज्यसभा पहुंचने का मौका मिलेगा। फिर वो कौन होगा।
बीजेपी दो विधायकों का वोट नहीं डलवाएगी
काफी हद तक यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन का भविष्य भी इसपर निर्भर करेगा। सूबे के मौजूदा विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी की 8 राज्यसभा सीटों पर जीत तय है। बीजेपी ने अपने नौंवे उम्मीदवार को जिताने के लिए बकायदा वोटों की रणनीति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा वोटों के गणित के अनुसार बीजेपी दो विधायकों का वोट नहीं डलवाएगी।
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ऐसे में अब राज्यसभा सदस्य के चयन के लिए 36 वोटों की जरूरत होगी। इसका मतलब है कि अब यूपी में कुल 398 वोट ही पड़ेंगे। ऐसे में बीजेपी के पास 8 वोट और भी अतरिक्त बढ़ जाएंगे। बीजेपी अगर इस फॉर्मूले पर चलती है तो फिर विपक्ष के दोनों उम्मीदवार के जीतने का गणित बिगड़ जाएगा। जबकि बीजेपी ने अपने नौंवे उम्मीदवार को जिताने के लिए विपक्ष के वोटों में सेंधमारी में भी कामयाब रही है। एक निर्दलीय विधायक अमन मणि और सपा के नितिन अग्रवाल और बसपा के अनिल सिंह का वोट बीजेपी के खाते में गया है।
एक वोट रालोद विधायक का भी मिलना है
इसके अलावा निषाद पार्टी के विजय मिश्रा ने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया है। बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को अभी तक कुल 34 वोट मिले हैं। इसमें बसपा के 17 वोट, 10 वोट समाजवादी पार्टी के और 7 वोट कांग्रेस के शामिल हैं। अभी बसपा को जीत के लिए कम से कम 2 से 3 वोट चाहिए। हालांकि बीएसपी उम्मीदवार को एक वोट रालोद विधायक का भी मिलना है। इसके बावजूद जीतने के लिए बीएसपी को एक वोट की और जरूरत है। ऐसे में अखिलेश यादव क्या अपने किसी विधायक का वोट बीएसपी के लिए करेंगे। बीएसपी के विधायक मुख्तार अंसारी को वोट डालने की अनुमति कोर्ट ने नहीं दी है। इसके अलावा बसपा के एक विधायक अनिल सिंह ने क्रॉस वोटिंग की है। इस तरह दो वोट कम हो गए हैं। सपा ने जया बच्चन को प्रत्याशी बनाया है।
राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए जरूरी होता है
सपा के पास मौजूदा समय में 47 विधायक हैं। इनमें से नितिन अग्रवाल ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया है। इसके अलावा दूसरे विधायक हरिओम यादव जेल में बंद है। इस तरह बीजेपी के पास सिर्फ 45 वोट बचते हैं। इनमें से दस वोट अखिलेश ने पहले ही बसपा उम्मीदवार को देने का वादा कर चुके हैं। इस तरह 35 वोट बचते हैं। सपा के पास निर्दलीय विधायक के रूप में रघुराज प्रताप सिंह और विनोद सरोज का वोट हैं। जो सपा के जया बच्चन को मिलना तय है। इस तरह से उनके खाते में 37 वोट हो जाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए एक तय फॉर्मूला है, खाली सीटों में एक जोड़ से विधानसभा की कुल सदस्य संख्या से भाग देना। निष्कर्ष में भी एक जोड़ने पर जो संख्या आती है। उतने ही वोट एक सदस्य को राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए जरूरी होता है।
दो विधायकों को कोर्ट ने अनुमति नहीं दी है
अगर यूपी का उदाहरण लिया जाए तो 10 सीटों में 1 जोड़ा जाए तो योग हुआ 11। अब 403 को 11 से भाग देते हैं तो आता है 36.63। इसमें 1 जोड़ा जाए तो योग होता है 37.63. यानी यूपी राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को 38 विधायकों का समर्थन चाहिए। हालांकि बीजेपी के एक विधायक का निधन हो चुका है। दो विधायकों को कोर्ट ने अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा माना जा रहा है कि बीजेपी अपने दो विधायक से वोट नहीं कराएगी। इस तरह से 398 सदस्य ही वोट करेंगे। ऐसे में एक राज्यसभा सदस्य को जीतने के लिए 36 वोटों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में बीजेपी के वोटों अगर सेंधमारी नहीं होती है तो उसके सभी 9 उम्मीदवारों की जीतना तय है। वहीं विपक्ष की ओर से जया बच्चन और भीमराव अंबेडकर में से किसी एक ही राज्यसभा पहुंचेगा।
aajtak
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