राज्यसभा मतदान केंद्रों के बेहतर लेआउट पर विचार
राज्यसभा के चुनाव में मतदान केंद्रों की संरचना में सुधार पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। हाल में राज्यसभा चुनाव में मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन करते हुए दो विधायकों द्वारा अपने मतों को अनाधिकृत लोगों को दिखाए जाने की घटना के बाद, निर्वाचन आयोग अब ऐसे चुनावों के लिए मतदान केंद्रों के बेहतर खाके (लेआउट) पर विचार कर रहा है। इस व्यवस्था का मकसद किसी ऐसे व्यक्ति को मतपत्र दिखाए जाने की संभावना को कम करना है जो उन्हें देखने के लिए अधिकृत नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान केंद्रों में बैठने की व्यवस्था और फर्नीचर को रखे जाने के स्थान में सुधार किया जा सकता है।
आठ अगस्त को गुजरात में हुए चुनाव में कांग्रेस के दो बागी विधायकों ने अपने मतों को अनाधिकृत लोगों को दिखाया था। इसका वीडियो सामने आया था। कांग्रेस की आपत्ति के बाद निर्वाचन आयोग ने दोनों विधायकों के मत खारिज कर दिए थे। इससे कांग्रेस के अहमद पटेल की जीत का रास्ता साफ हो गया था।
सूत्रों ने बताया कि मतदान केंद्रों के अंदर सोफे का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि मतपत्र को अपने हाथ में लेकर अधिकृत प्रतिनिधि को दिखाए जाने के बजाए इस व्यवस्था को बनाने पर विचार हो रहा है कि इन्हें प्रतिनिधि के पास एक मेज पर रख दिया जाए ताकि वह उसे देख सकें।
राज्यसभा चुनाव में खुले में मतदान में एक प्रावधान यह है कि निर्वाचक (विधायक) अपने मुहर लगे मतपत्र को मतपेटी में डालने से पहले केवल उस पार्टी के प्रतिनिधि को दिखाए जिसका वह सदस्य है।
सूत्रों ने कहा कि मतपत्र को इस तरह से दिखाए जाने का प्रावधान है कि वह केवल अधिकृत प्रतिनिधि को दिखाई दे और प्रतिनिधि विधायक को अपनी पसंद बदलने के लिए नहीं कह सकता। मत्रपत्र किसी अन्य मौजूद अधिकारी को नहीं दिखाया जा सकता।
सूत्रों ने कहा कि गुजरात में राज्यसभा चुनाव में हुए विवाद के बाद अब निर्वाचन अधिकारी के लिए हैंडबुक में कुछ सुधार कर कुछ नई बातें डाली जा सकती हैं।