‘महाकाल’ में गांधी परिवार की हमेशा से रही है अटूट आस्था
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मालवा बेल्ट के इंदौर-उज्जैन से प्रचार अभियान (campaign) शुरू कर दिया है। इससे पहले उन्होंने उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए। यह दिलचस्प है कि गांधी परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी महाकाल के दर्शन करता रहा है।
महाकाल के दर्शन के लिए यहां आए थे
राहुल से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।सत्ता में लौटने से पहले इंदिरा गांधी ने दिसंबर 1979 में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन किए थे। तत्कालीन सीएम प्रकाशचंद सेठी उन्हें मंदिर ले गए थे। उस वक्त वहां भस्मारती चल रही थी। इसके बाद 1987 में प्रधानमंत्री रहते हुए राजीव गांधी भी महाकाल के दर्शन के लिए यहां आए थे।
केंद्र में दोबारा यूपीए की सरकार बनी
वह करीब 30 मिनट तक मंदिर परिसर में रहे थे।20 जून 2008 को सोनिया गांधी भी यहां आईं लेकिन कांग्रेस मध्य प्रदेश में जीत का परचम नहीं लहरा सकी थी। हालांकि, एक साल बाद ही उनके नेतृत्व में केंद्र में दोबारा यूपीए की सरकार बनी।कांग्रेस ने ट्विटर पर अपने ऑफिशल हैंडल पर इंदिरा, सोनिया और राहुल की महाकाल दर्शन की तस्वीरें भी शेयर कीं। इस पर उन्होंने कैप्शन दिया- ‘इतिहास खुद को दोहरा रहा है, महाकाल का आशीर्वाद पा रहा है।’
महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आए थे
बताते हैं कि गांधी परिवार की महाकाल दर्शन में गहरी आस्था रही है। राहुल के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। राहुल इससे पहले 5 अक्टूबर 2010 में महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आए थे।बता दें कि यह 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हैं और इसे मध्य प्रदेश की राजनीति में भी अहम माना जाता है। प्रत्येक राजनीतिक यात्रा हो या फिर अभियान, यहीं पर दर्शन के साथ ही शुरू होते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी जन आशीर्वाद यात्रा यहीं से शुरू की, बीजेपी अध्यक्ष अमित भी यहां आए और राज्य कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने भगवान महाकाल को यह कहते हुए खुला खत लिखा कि वह सीएम को अपना आशीर्वाद न दें।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मालवा बेल्ट के इंदौर-उज्जैन से शुरू हो रहे अभियान में पहली बार सोमवार को यहां पहुंचे हैं। 50 सीटों के इस क्षेत्र में कांग्रेस के पास महज चार सीटें हैं जबकि 45 सीटों के साथ यह बीजेपी का गढ़ माना जाता है। साभार
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