एक तरफ मैं, दूसरी तरफ मोदी, जो सच बोले उस पर यकीन करो: राहुल
कर्नाटक में चुनाव प्रचार का आगाज करने आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बेल्लारी पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ की शुरुआत की। इस दौरान उनके साथ लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्यमंत्री के. सिद्धारमैया भी मौजूद रहे।अपनी चार दिन की कर्नाटक यात्रा में सबसे पहले राहुल बेल्लारी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की। जिसके बाद लाखों की संख्या में पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में राहुल ने दीया जलाकर चुनाव प्रचार यात्रा का शुभारंभ किया।
जनता फैसला करे- कौन सच्चा, कौन झूठा
राहुल ने इस दौरान मौजूद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक की जनता को तय करना है कि उन्हें किस पर यकीन है। राहुल ने इस दौरान उनके सामने दो विकल्प भी दिए। उन्होंने कहा कि ‘एक तरफ कांग्रेस, सिद्धारमैया जी और मैं हूं, जबकि दूसरी तरफ बीजेपी और नरेंद्र मोदी हैं।’
राहुल ने जनता से आह्वान किया कि जो सच बोलता है आप उस पर यकीन करें, क्योंकि झूठ बोलने वालों से कर्नाटक की जनता को कोई फायदा नहीं पहुंचेगा। राहुल ने दावा किया कि मोदी जी जो वादा करते हैं, उसे निभाते नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मोदी जी ने 15 लाख रूपये खाते में भिजवाने का वादा किया था, लेकिन एक रूपया भी नहीं आया।
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पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया, जब हमने संसद में सवाल किया कि केंद्र सरकार ने कितने रोजगार दिए तो उन्होंने 24 घंटे में 450 का आकंड़ा दिया। संसद में मोदी जी ने भविष्य की बात नहीं की, सिर्फ कांग्रेस और इतिहास की बात करते रहे।
वहीं, इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब सोनिया गांधी ने बेल्लारी सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की तो कांग्रेस की किस्मत बदल गई। ठीक वैसे ही बेल्लारी से शुरू हो रही जन आशीर्वाद यात्रा से न सिर्फ कर्नाटक चुनाव में जीत सुनिश्चित होगी, बल्कि 2019 के आम चुनाव में भी कांग्रेस की फतह होगी। राहुल यहां संधोधन के बाद मंदिरों के दर्शन भी करेंगे। माना जा रहा है कि राहुल अपनी सॉफ्ट हिंदू की छवि को बरकरार रखना चाहते हैं। इसलिए वो धार्मिक स्थानों का दौरा भी करेंगे।
लिंगायत समुदाय को साधने में जुटे राहुल
राहुल गांधी अपनी 4 दिन की यात्रा में 10 से 13 फरवरी तक हैदराबाद-कर्नाटक इलाके का दौरा करेंगे। इस दौरान वो बेल्लारी, कोप्पल, गुलबर्गा और रायचुर जाएंगे। इसके बाद राहुल हुलीगम्मा मंदिर दर्शन करने जाएंगे और वहां से गवी सिद्धेश्वर मठ भी जाने का कार्यक्रम है। गवी सिद्धेश्वर मठ को लिंगायत मठ भी कहा जाता है।दरअसल, जिस क्षेत्र में राहुल यात्रा कर रहे हैं वहां लिंगायत समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है। ऐसे में राहुल का गवी सिद्धेश्वर मठ जाना इसी समुदाय को कांग्रेस के पाले में लाने की कोशिश है। लिंगायत समुदाय को बीजेपी के कोर वोट के तौर पर भी देखा जाता है। इन सबके साथ राहुल गांधी अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थानों पर भी जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक राहुल मंदिर-मठ के साथ दरगाह भी जाएंगे।
बेल्लारी से शुरुआत क्यों?
दरअसल, साल 1999 में सोनिया गांधी ने अपना पहला चुनाव बेल्लारी लोकसभा सीट से ही लड़ा था। उन्होंने इस सीट से बीजेपी की सुषमा स्वराज को हराया था। उस चुनाव के दौरान राहुल गांधी भी कई दिनों तक प्रचार अभियान पर रहे थे। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में सात साल बाद कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में इसी बेल्लारी का बड़ा योगदान था। क्योंकि 2010 में विपक्ष के नेता रहे सिद्धारमैया ने खनन माफिया रेड्डी भाईयों के विरोध में बेंगलुरू से बेल्लारी तक पदयात्रा निकाली थी। माना जाता है कि इस पदयात्रा के बाद ही लोगों के बीच कांग्रेस ने अपनी जड़ मजबूत की थी।
aajtak
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