कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह का बड़ा बयान, CM योगी को बताया अपना राजनीतिक गुरु
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की सदर सीट से विधायक अदिति सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक गुरु बताया है। अदिती सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरी सियासत के राजनीतिक गुरु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। आज जिनकी वजह से मैं हर लड़ाई लड़ रही हूं।
सदस्यता समाप्त करने की याचिका खारिज
बता दें कांग्रेस ने अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी। जिसको उन्होंने खारिज कर दिया।
विधायक अदिति सिंह आज रायबरेली के सिविल लाइन चौराहे पर कमला नेहरू ट्रस्ट की जमीन पर कई दशकों से काबिज पटरी दुकानदारों को कोर्ट के आदेश पर वहां से हटाने के लिए जिला प्रशासन के नोटिस जारी करने के बाद सदर विधायक उन दुकानदारों के पक्ष में खुल कर उतर आई।
‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरे राजनीतिक गुरु हैं’
इस दौरान समर्थकों के जोश के साथ अदिति सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरे राजनीतिक गुरु है और मै इस मामले को मुख्यमंत्री योगी के संज्ञान में ले जाऊंगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कराने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहाकि इस पूरे प्रकरण को जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया, तब उन्होंने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए भरोसा दिया है कि अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
विधायक ने कहा कि आप लोग यह जान लें कि योगी आदित्यनाथ की इस सरकार में किसी पर कोई अत्याचार नहीं होगा। प्रशासन ने इस मामले में गरीबों की नहीं सुनी, उनको सुनवाई के मौका तक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने हमेशा गरीबों की लड़ाई लड़ी मैं उनके रास्ते पर चल रही हूं। इस दौरान उन्होंने कमला नेहरू ट्रस्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि जब जमीन पर कई दशक से ये दुकानदार काबिज है तो ट्रस्ट के पक्ष में ये जमीन कैसे फ्री होल्ड हो गई।
अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ दिया बयान
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही रायबरेली की विधायक अदिति सिंह का झुकाव सरकार की तरफ हो गया है। कांग्रेस की कई बंदिशों का विरोध करते हुए विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ सरकार के पक्ष में बयान दिया। बीते वर्ष गांधी जयंती पर विधानसभा के विशेष सत्र में आने पर कांग्रेस से निलंबन के नोटिस पर उन्होंने कहा कि यह उनका फैसला था। वह इस विशेष सत्र का हिस्सा बनकर लोगों की बात रखने के लिए गई थीं।
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