लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूती देने के लिए कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल किया है. गुरुवार देर शाम पार्टी ने 133 जिला व महानगर इकाइयों के नए अध्यक्षों की घोषणा कर दी. यह ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की सहमति के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया.
100 दिन बाद घोषित हुए नए अध्यक्ष
प्रदेश में कांग्रेस की जिला व शहर इकाइयों को 5 दिसंबर को भंग कर दिया गया था. उस समय 100 दिनों में नए गठन का वादा किया गया था, जिसे पूरा करते हुए पार्टी ने अब सूची जारी की है. नए अध्यक्षों के चयन में सामाजिक संतुलन साधने के साथ-साथ पुराने चेहरों को भी जगह दी गई है.
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राहुल गांधी करेंगे जिलाध्यक्षों से संवाद
इस फेरबदल के बाद राहुल गांधी देशभर के जिला व शहर अध्यक्षों से संवाद करेंगे. इसे पार्टी के सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, इंदिरा गांधी के बाद यह पहला मौका होगा जब कांग्रेस नेतृत्व इस तरह सीधे जिलाध्यक्षों से संवाद करेगा.
कांग्रेस की खोई जमीन तलाशने की कोशिश
लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस को यूपी में दोबारा राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की उम्मीद जगी है. नए जिला और शहर अध्यक्षों पर संगठन को नई ऊर्जा देने की जिम्मेदारी होगी. यूपी में पार्टी को पुनः स्थापित करने की इस कोशिश को 2027 विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
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जातीय समीकरणों का खास ध्यान
कांग्रेस ने नए जिला-महानगर अध्यक्षों की नियुक्ति में जातीय संतुलन पर खास ध्यान दिया है. सूची के अनुसार:
- 51 सामान्य वर्ग: ब्राह्मण (29), ठाकुर (12), बनिया (7), कायस्थ (2), सिख (1)
- 30 मुस्लिम
- 35 ओबीसी
- 15 अनुसूचित जाति
- 2 अनुसूचित जनजाति
- 6 महिलाएं
महिला भागीदारी पर सवाल
133 की सूची में केवल 6 महिलाओं को जगह मिली है, जिससे पार्टी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठ रहे हैं. आने वाले चुनावों में महिला आरक्षण लागू होने के मद्देनजर कांग्रेस का यह कदम महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में कमजोर माना जा रहा है.
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पुराने वोट बैंक को साधने की रणनीति
कांग्रेस की सूची बताती है कि वह अपने पारंपरिक ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित वोटबैंक को फिर से जोड़ने की कोशिश में है. एक समय इन वर्गों का कांग्रेस पर मजबूत भरोसा था, लेकिन सामाजिक-राजनीतिक बदलावों के कारण यह समीकरण बिगड़ गया. अब कांग्रेस इसे फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रही है.