कामेडियन श्याम रंगीला को वाराणसी से नही मिल पा रहा नामांकन पत्र, बताया प्रक्रिया जटिल

कामेडियन ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी

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जाने माने कामेडियन श्याम रंगीला ने वाराणसी लोकसभा सीट चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसकी जानकारी उन्होंने अपने प्रशंसकों को सोशल मीडिया के जरिए दी. लेकिन श्याम रंगीला को चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र नही मिल पा रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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श्याम रंगीला ने अपने पोस्ट में कहाकि वाराणसी में नामांकन फार्म लेने की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी गई है कि फार्म लेना काफी मुश्किल हो गया है. कहाकि घंटों लाइन में लगने के बाद चुनाव कार्यालय से कहा गया कि आप दस प्रस्तावकों के आधार कार्ड और वह भी हस्ताक्षर समेत उनके फोन नम्बर दें. इसके बाद ही आपको टेजरी चालान मिल पाएगा. उन्होंने कहाकि चुनाव आयोग के नामांकन दाखिल करने के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नही है. मैं माननीय चुनाव आयोग से प्रार्थना करता हूं कि वह जिला प्रशासन को उचित दिशा-निर्देश देकर, देश के लोकतंत्र में हमारे विश्वास को मजबूती दें.

कौन हैं श्याम रंगीला

राजस्थान के हनुमानगढ़ में जन्मे और पले-बढ़े रंगीला ने एनिमेशन की पढ़ाई की. रंगीला अपने मिमिक्री कौशल के लिए जाने जाते हैं, खासकर राजनीतिक हस्तियों की. उन्हें टीवी पर ’द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ में कॉमेडियन के तौर पर देखा गया था. 29 वर्षीय रंगीला को पहली बार 2017 में प्रसिद्धि मिली जब पीएम मोदी की उनकी मिमिक्री सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गई. तब से रंगीला पीएम के भाषणों और इंटरव्यू की नकल करते हुए वीडियो बना रहे हैं. रंगीला ने मोदी के अलावा राहुल गांधी जैसी अन्य राजनीतिक हस्तियों के भी मिमिक्री वीडियो बनाए हैं. पिछले कुछ समय से रंगीला पीएम मोदी और उनकी नीतियों के आलोचक रहे हैं. ऐसा उनके वीडियो से पता चलता है. दरअसल वाराणसी से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाले वीडियो में कुछ ऐसे हिस्से थे जहां रंगीला पीएम मोदी की आवाज की नकल करते हुए सुनाई दे रहे हैं. 1 मई को अपने चुनाव घोषणा वीडियो में रंगीला ने सूरत निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की निर्विरोध जीत और चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विवाद का हवाला दिया. कहाकि मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि वोट देने के लिए कोई अन्य उम्मीदवार ही न हो. यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति किसी उम्मीदवार के खिलाफ वोट देना चाहता है तो भी उसे यह अधिकार है. रंगीला ने पहली बार राजनीति में कदम रखा जब वह 2002 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए. हालांकि बाद में उन्होंने स्वतंत्र रूप से काम करने का फैसला किया और कहा कि वह अपने मालिक खुद हैं.

सात मई से शुरू है नामांकन प्रक्रिया

गौरतलब है कि वाराणसी लोकसभा सीट पर नामांकन की प्रक्रिया सात मई से शुरू है, यह प्रक्रिया 14 मई तक चलेगी. इस सीट से पीएम मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और बसपा से अतहर जमाल लारी चुनाव मैदान में हैं. अजय राय और अतहर जमाल लारी ने शुक्रवार को ही नामांकन दाखिल किया है.

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