CM Yogi: योगी सरकार का फैसला, स्कूल वैनों में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य

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CM Yogi:  बच्चों के प्रति बढ़ रहें आपराधिक मामलों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके चलते अब सरकार ने स्कूल वैनों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने आदेश दिया है. इस फैसले को लेकर परिवहन प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वरलू द्वारा जारी की गयी अधिसूचना में बताया गया है कि, यह प्रावधान राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख के तीन महीने बाद लागू होगा.

तय की गई समय सीमा

29 दिसंबर को जारी पत्र के अनुसार, ”स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए अब सभी स्कूली वैन में सीसीटीवी अनिवार्य कर दिया गया है. परिवहन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, यह नियम मोटर वाहन नियमावली में पहले से मौजूद है. कुछ स्कूल वैन में सीसीटीवी कैमरे लगाए भी गए हैं, लेकिन इस अधिसूचना में राज्य के सभी स्कूल वैन में सीसीटीवी कैमरे लगाने की समय सीमा तय कर दी गई है.” इन्हें लगवाने के लिए वाहन मालिको व स्कूल संचालकों को तीन महीने का समय दिया गया है.

छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर है फैसला

बच्चों की सुरक्षा के लिए अब हर स्कूली वैन में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य होंगे. नियम के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई होगी. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए है. उन्होने बताया कि, प्रदेश में जितनी भी स्कूली वैन है, उन्हें यह आदेश मानना होगा. स्कूलों की अपनी वैन के साथ बच्चों को लाने के लिए अनुबंध पर तय वाहनों में भी कैमरे लगवाने होंगे. इसके लिए स्कूल प्रबंधन के साथ वाहन मालिकों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी. छात्रों की सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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परिवहन अधिकारी ने दी ये जानकारी

इस फैसले को लेकर एक वरिष्ट परिवहन अधिकारी ने कहा है कि, ”यह प्रावधान उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियमावली में पहले से मौजूद है और कुछ स्कूल वैन में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा, अब अधिसूचना में राज्य के सभी स्कूल वैनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की समय सीमा तय कर दी गई है. प्रस्तावित केंद्रीकृत वाहन स्थान ट्रैकिंग केंद्र कार्य करने के लिए तैयार होने के बाद सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में ऐसे कैमरे लगाए जाएंगे. परिवहन विभाग ने राज्य में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) के कार्यान्वयन के लिए पहले ही एक निजी एजेंसी को नियुक्त कर लिया है. एजेंसी को निर्भया ढांचे के तहत वाहनों की ट्रैकिंग और निगरानी के लिए वाहन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म को तैनात करने, एकीकृत करने, परीक्षण करने और चालू करने का अधिकार है. ”

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