मऊ हिंसा के दूसरे दिन शांति, पूर्वांचल के कई जिलों में रेड अलर्ट

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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मऊ में सोमवार की शाम हुई हिंसा के बाद पूरे पूर्वांचल में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडल के सभी जिलों में पुलिस अधिकारियों को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया गया है। किसी तरह के जुलूस और प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर भी निगरानी रखी जा रही है।

मऊ में हिंसा के दूसरे दिन शांति-

मऊ में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए कई जिलों की फोर्स बुला ली गई है। हिंसा के दूसरे दिन शहर में शांति दिखी। अभियोजन आशुतोष पांडेय ने भोर में भी मऊ पहुंचकर हालात पर काबू की कोशिश शुरू कर दी है। आधी रात को शहर के मौलानाओं की बैठक बुलाकर प्रशासन ने उपद्रव पर उतारू युवाओं को नियंत्रित करने की अपील की। जिले की इंटरनेट सेवा 18 दिसंबर तक के लिए बंद कर दी गई है।

शहर मे जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई। लोगों को अपने घरों मे ही रहने के दिए जा रहे आदेश। कल हुए बवाल में जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने अब तक रात में 19 के गिरफ्तारी व सुबह 9 लोगों को हिरासत में लिए जाने की बात कही। कहा कि बवाल सुनियोजित था बुजुर्गों को चुड़ियां आदि भेजकर उन्हें शर्मिंदा करना, उनकी बात ना मानना यह सिद्ध करता है कि कोई संगठन सुनियोजित ढंग इनके साथ काम कर रहा है जो जल्द ही बेनकाब हो जाएगा।

इंटरनेट सेवाएं और ब्राडबैंड पर रोक-

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शहर में उपजे हालात को देखते हुए जनपद में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं। प्रशासन के आग्रह पर शासन के निर्देशानुसार बीएसएनएल के वाराणसी कार्यालय से शहर के 22 बीटीएस को चिह्नित करते हुए उनसे इंटरनेट व ब्राडबैंड सेवा बंद कर दी गईं। इसके अलावा वाई-मैक्स, वाई-फाई, एफटीटीएच सेवाएं भी बाधित कर दी गईं। हालांकि बाद में बीएसएनएल ने पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं को ठप कर दिया, जबकि निजी कंपनियों के नेट चलते रहे।

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