नागरिकता कानून: ममता का असम, पूर्वोत्तर में सीएए विरोधी प्रदर्शन को समर्थन बंगाल में भड़की हिंसा

0

देश भर में अशांति का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का असम, त्रिपुरा व दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया और पड़ोसी बांग्लादेश के साथ देश के संबंधों पर कानून को लेकर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई। ममता बनर्जी ने भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियों से देश भर में कानून के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने की अपील की। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर इस मुद्दे पर ‘सांप्रदायिक खेल’ खेलने का आरोप लगाया।

पूर्वी मिदनापुर जिले के दीघा में उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा, “मैंने सभी पार्टियों को एक स्टैंड लेने के लिए बधाई दी..अब हम अपनी मजबूती के साथ देश भर में इसे जन आंदोलन का निर्माण करते हैं।”

शिलॉन्‍ग में कर्फ्यू में छूट

असम के डिब्रूगढ़ और मेघालय की राजधानी शिलॉन्‍ग में कर्फ्यू में छूट दी गई, लेकिन नागरिकता कानून का विरोध करने वालों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा रेलवे स्टेशन परिसर को आग के हवाले कर दिया।
असम और नॉर्थ ईस्‍ट के राज्‍यों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को कुछ शांत होते दिखाई दिए। यहां कर्फ्यू में ढील भी दी गई लेकिन पड़ोसी राज्‍य पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतारू हो गए। उन्‍होंने कई जगह सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा दी, प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी कई जगह हिंसक झड़पें हुईं।

जबर्दस्‍त प्रदर्शन

असम के डिब्रूगढ़ और मेघालय की राजधानी शिलॉन्‍ग में कर्फ्यू में छूट दी गई, लेकिन नागरिकता कानून का विरोध करने वालों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा रेलवे स्टेशन परिसर को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरपीएफ कर्मियों से भी मारपीट की। ग्रामीण हावड़ा, मुर्शिदाबाद, बीरभूम, बर्दवान के इलाके ओर उत्‍तरी बंगाल जैसे पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में जबर्दस्‍त प्रदर्शन हुए।
ममता बोलीं- हम इसे चुनौती देते हैं।

सरकार हमें इसे मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकती

नागरिकता कानून की मुखर विरोधी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को संसद में पारित करके और इसके कानून बना कर केंद्र सरकार हमें इसे मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है। उन्‍होंने कहा, ‘आपके (बीजेपी) मैनिफेस्टो में विकास के मुद्दों की जगह आपने देश को बांटने का वादा किया है। नागरिकता मिलने का आधार धर्म क्यों होना चाहिए? मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी। मैं इसे चुनौती देती हूं…। क्योंकि आपके पास नंबर हैं, इसलिए आप लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास करा सकते हैं, लेकिन हम आपको देश को बांटने नहीं देंगे।’

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More