मुस्लिम होने से ज्यादा बुरा है दलित होना: क्रिस्टोफ जैफ्रेलोट

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जाने-माने फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ क्रिस्टोफ जैफ्रोलोट ने कहा कि आरक्षण नहीं होने की स्थिति में दलित कहीं नहीं पहुंचे होते और ‘मुस्लिम होना उतना बुरा नहीं है, जितना दलित होना।’‘डॉक्टर अंबेडकर एंड अनटचबिलिटी’ के लेखक ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा और आरएसएस अब दलितों पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि इस समुदाय की अब ‘वोट बैंक’ के तौर पर उपेक्षा नहीं की जा सकती।

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जैफ्रोलोट ने मीडिया की मिसाल देते हुए कहा, ‘‘अगर किसी तरह का आरक्षण नहीं होता तो आज दलित कहां होते? अगर आप आरक्षण हटा देते हैं तो फिर वे कहां हैं? फिर कहीं भी कोई दलित नहीं होगा, क्योंकि दलित होना अब भी एक लांछन है। मुस्लिम होना दलित होने जितना बुरा नहीं है।’

बांटो एवं राज करो’ की नीतियों का इस्तेमाल करते हैं

’वह जयपुर साहित्य उत्सव में ‘डॉक्टर अंबेडकर और उनकी विरासत’ विषय वाले सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा ने) दलितों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। यह सद्भाव की वजह से नहीं है, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वे उन्हें उभरते हुए वोट बैंक के तौर पर देखते हैं और ‘बांटो एवं राज करो’ की नीतियों का इस्तेमाल करते हैं।

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