अमेरिकी अस्पतालों के बाहर क्लोरोक्वीन का उपयोग बढ़ा रहा हृदय रोग!

कोविड-19 के मरीजों में हार्ट रिदम प्रॉब्लम्स की रिपोर्ट की जानकारी

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वाशिंगटन : यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अस्पतालों के बाहर कोविड-19 के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्विन Chloroquine के उपयोग व क्लिनिकल ट्रायल को लेकर चेताते हुए कहा कि इससे हृदय की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।

हार्ट रिदम प्रॉब्लम्स

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के हवाले से कहा, “अक्सर एजिथ्रोमाइसिन और अन्य क्यूटी प्रोलोंगिग दवाओं के साथ संयोजन कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्वीन Chloroquine से उपचार वाले कोविड-19 के मरीजों में हार्ट रिदम प्रॉब्लम्स की रिपोर्ट की जानकारी एफडीए को है।”

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एफडीए ने आगे कहा, “हम आउट पेशेंट प्रिस्क्रिप्शन्स के माध्यम से Chloroquine जैसी दवाओं के बढ़ते उपयोग से भी अवगत हैं।”

जोखिम में वृद्धि की संभावना

एफडीए ने कहा कि हृदय और किडनी की बीमारी जैसे अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाले मरीजों में Chloroquine जैसी दवाओं के इस्तेमाल से हृदय की समस्याओं के जोखिम में वृद्धि होने की संभावना है।

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि एजेंसी कोविड-19 के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन Chloroquine के उपयोग से जुड़े जोखिमों की जांच करना जारी रखेगी और अधिक जानकारी उपलब्ध होने पर लोगों को इससे अवगत कराएगी।

कोरोना की दवा पर WHO ने हटाई रिपोर्ट

कोरोना की ये दवा पहले ही ह्यूमन ट्रायल में हुई फेल, WHO ने हटाई रिपोर्ट कोरोना के इलाज की दिशा में हो रहा पहला ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल असफल रहा है।
एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिवियर पर चीन में हो रहे इस प्रयोग के रिजल्ट गलती से की वेबसाइट पर आ गए लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया।

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कई देशों में इसके ट्रायल भी हो रहे

हालांकि चीन में चल रही ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे आ चुके हैं, जो नाउम्मीद करने वाले हैं। एंटी वायरल दवा रेमडेसिवियर पर बहुत से देशों की उम्मीद टिकी हुई थी लेकिन पहले ही ट्रायल में ये बुरी तरह से फेल हो गई।

ये रिपोर्ट असावधानी से 23 अप्रैल को WHO की वेबसाइट पर क्लिनिकल ट्रायल डेटाबेस में भी आ गई थी, जिसे आनन-फानन हटा लिया गया। हालांकि तब तक इसका स्क्रीनशॉट लिया जा चुका था। फाइनेंशियल टाइम्स में आई खबर के अनुसार चीन में हो रहे इस ट्रायल में 237 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया। इसमें से 158 मरीजों को रेमडेसिवियर दवा दी गई, जबकि 79 को प्लेसीबो पर रखा गया।

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