यूपी : एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, 5 लाख के इनामी डकैत का एनकाउंटर, सैकड़ों राउंड चलीं गोलियां
यूपी और एमपी पुलिस के लिए सिर दर्द बने साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार आधी रात के बाद मुठभेड़ में मार गिराया।
इसी के साथ चित्रकूट में आतंक का पर्याय बने खूंखार डाकू गौरी यादव का अंत हो गया। एसटीएफ और पुलिस की कई टीमें कई महीनों से गौरी को तलाश रही थी।
सटीक सूचना पर पहुंची यूपी एसटीएफ की टीम से चित्रकूट में बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधा के पास जंगल में गिरोह से मुठभेड़ हुई जिसमें कुख्यात गौरी यादव मारा गया।
इस तरह हुआ खूंखार डाकू अंत-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से सैकड़ों राउंड गोलियां चलीं जिसमें गौरी को कई गोलियां लगीं जिसमें वह मारा गया।
यूपी एसटीएफ को मौके से एक एके-47 रायफल, एक क्लाशनिकोव सेमी ऑटोमैटिक राइफल, एक 12 बोर बंदूक और सैकड़ों कारतूस मिले हैं।
गिरोह को और सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस अफसरों के साथ कई थानों की पुलिस और एसटीएफ की टीमें जंगल में कांबिंग कर रही हैं।
एसपी एसटीएफ हेमराज मीणा ने टेलीफोन से गौरी यादव के मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि की है। गौरी यादव पर यूपी से पांच लाख और एमपी से 50 हजार का इनाम घोषित था।
खौफ का दूसरा नाम था डकैत गौरी-
ददुआ और ठोकिया के डकैत गौरी यादव बीहड़ में बाद बड़ा नाम बन चुका था। गौरी यादव काफी लंबे समय से अंडरग्राउंड चल रहा था।
चार महीने पहले अचानक ही इसने चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी। करीब 20 साल पहले डकैती की दुनिया में एंट्री करने वाले गौरी यादव ने 2005 में अपना अलग गैंग बनाया था।
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