रंग पर्व की आस्था में काशी हुई सराबोर, हरिश्चंद्र घाट पर बाबा मशान नाथ संग चिता भस्म की होली
औघड़दानी भगवान शिव की नगरी काशी में परंपराएं भी अनोखी और रोचक हैं। एक ओर पूरा देश होली की तैयारियों में जुटा है तो दूसरी ओर भूत भावन भगवान शिव की नगरी काशी में चिता भस्म की होली से रंगपर्व की आस्था गुलजार है।
भक्तों को मिली होली खेलने की अनुमति-
वैसे तो महाशिवरात्रि पर काशी में बाबा विश्वनाथ के विवाह के बाद से ही होली की परंपरा का विधान है। लेकिन, बाबा का गौना रंगभरी एकादशी के दिन होने के बाद बाबा विश्वनाथ अपने भक्तों को होली के हुड़दंग की अनुमति देते हैं तो काशी पूरी तरह होलियाने मूड में आ जाती है। होली के हुड़दंग की अनुमति मिलते ही भूतभावन भगवान शिव के गण भूत प्रेत पिशाच भी महाश्मशान की चिता संग चिता भस्म की होली खेलते नजर आए।
बाबा मसान नाथ की निकली शोभायात्रा-
काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के तत्वावधान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बुधवार 24 मार्च को बाबा कीनाराम स्थल रविंद्रपुरी से बाबा मसान नाथ की परंपरागत ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली गई। यह बाबा कीनाराम स्थल से आईपी विजया मार्ग होते हुए भेलूपुर थाना सोनारपुरा होते हुए हरिश्चंद्र घाट स्थित सुप्रसिद्ध बाबा मशान नाथ स्थल पर पहुंची। यहां पर चिता भस्म की होली खेल रंगभरी के बाद बाबा का आशीर्वाद लेकर होली की परंपरा का निर्वहन किया।
गगनभेदी जयकारों संग भक्तों ने हर्षोल्लास के साथ खेली होली
शोभायात्रा में बग्घी, जोड़ी, ऊंट, घोड़ा तथा ट्रक पर शिव तांडव नृत्य करते भक्तजन तथा नर मुंड की माला पहने श्रद्धालु जन बाबा मशान नाथ का जयकारा लगाते रहे। जय हर हर महादेव का गगनभेदी जयकारा रास्ते भर लगता रहा तो इस पूरे यात्रा के दौरान शामिल भक्तगणों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी रखा। बनारसी मस्ती में सराबोर श्रद्धालु भक्तजनों ने पूरी निष्ठा व हर्षोल्लास के साथ भाग लिया।
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