चाइनीज काली मंदिर: पश्चिम बंगाल के इस मंदिर में प्रसाद के रूप दिया जाता है, नूडल्स, चावल और सब्जियां

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पश्चिम बंगाल राज्य को हमेशा से ही माता काली के भक्ति के लिए जाना जाता है. यह मां काली के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है. माता काली के मंदिरो में कई तरह के पूजा करने का विधान है. हालांकि इन सबसे के बीच यहां देश का एक मात्र चाइनीज काली मंदिर भी स्थित है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां हिंदू धर्मावलंबियों के साथ ही बड़ी संख्या में चीनी और बौद्ध धर्म के अनुयायी भी उपासना करने आते हैं. मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मंदिर की दिलचस्प बात यह है कि यहां प्रसाद के तौर पर भक्तो को नूडल्स दिए जाते है. तो आईये जानते है पश्चिम बंगाल के टेंगरा में स्थित इस मंदिर के बारें में-

60 साल पुराना है यह अनूठा मंदिर…

चाइनीज काली मंदिर

स्थानीय लोगों के अनुसार पहले यहां कोई मंदिर नहीं था, सिर्फ एक पेड़ था जिसके नीचे कुछ पत्थर पड़े थे तथा इन पत्थरों पर सिंदूर लगाकर लोग पूजा करते थे. समय के साथ इस स्थान में बदलाव आया और यहां मां काली की प्रतिमा स्थापित कर एक मंदिर बना दिया गया. 60 साल पुराने इस मंदिर की एक खास बात ये भी है कि यहां हिंदू धर्म के लोगों के अलावा आपको चीनी लोग भी दिख जाएंगे.

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भक्तों को मिलता है नूडल्स का प्रसाद…

चाइनीज काली मंदिर

इस मंदिर में प्रार्थना करने आने वाले लोगों को प्रसाद के तौर पर नूडल्स दिया जाता है. इसके साथ ही चॉपसी, चावल और सब्जियों से बने व्यंजनों का मां काली के चरणों में भोग लगाया जाता है. मंदिर में आने वाले भक्त मंदिर परिसर में ही हाथ से बने पेपर को जलाते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी आत्माएं उनसे दूर रहती हैं.

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इस वजह से बना खास…

चाइनीज काली मंदिर

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक बार चीनी परिवार के 10 वर्षीय बच्चे की तबीयत बहुत खराब हो गई थी. हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि उसके बचने की संभावना भी बेहद कम थी. डॉक्टर ने भी बच्चे की बिगड़ती हालत देख जवाब दे दिया था. कोई दूसरा रास्ता न देख बच्चे के माता पिता ने मां काली पर आस लगाई और पेड़ के नीचे बनाए गए माता स्थान पर बच्चे को लिटाकर प्रार्थना करने लगे.

लोगों का कहना है कि मां काली ने उनकी प्रार्थना सुन ली और बच्चा ठीक हो गया. भले ही आज उस स्थान पर माता का मंदिर बन चुका हो और मां की प्रतिमा स्थापित हो चुकी हो लेकिन वे दो काले पत्थर आज भी मंदिर में मौजूद हैं जिनके सामने बीमार बच्चे के माता पिता ने प्रार्थना की थी. चीनी लोगों के इस इलाके में चीनियों द्वारा ही सुबह-शाम माता की पूजा की जाती है. मंदिर की व्यवस्था संभालने वालों में भी एक चाइनीज मेंबर हैं.

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