आधी रात बांग्लादेश पहुंचे चीन के नये फॉरेन मिनिस्टर, क्या अपनी विदेश नीतियों में PM मोदी को कॉपी कर रहा चीन
बीते सोमवार को चीन के नये विदेश मंत्री क़िन गांग अपने पहले दौरे पर अफ़्रीका जा रहे थे, इस दौरान आधी रात को ही अचानक वो बांग्लादेश पहुंच गए. यहां शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन से उनकी करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि चीनी विदेश मंत्री की फ्लाइट में फ्यूल कम हो गया था, जिस कारण उन्हें बांग्लादेश में अचानक रुकना पड़ा. हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि क़िन गांग भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की नकल कर रहे हैं. इसलिए वो आधी रात को अचानक बांग्लादेश पहुंचे थे.
दरअसल, चीन के नये विदेश मंत्री क़िन गांग ऐसे समय में बांग्लादेश पहुंचे थे, जब ढाका स्थित रूस और अमेरिकी दूतावास के बीच संघर्ष की खबरें आ रही हैं. हालांकि, उनके रुकने की वजह फ्लाइट में फ्यूल कम होना बताया गया, कहा जा रहा है कि फ्यूल लेने की वजह से उनकी फ्लाइट बांग्लादेश में रुकी थी. विदेश मंत्री क़िन गांग के इस बांग्लादेश दौरे को भी अनौपचारिक ही बताया जा रहा है.
क्या बातचीत हुई…
चीन के विदेश मंत्री क़िन गांग और बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने हवाई अड्डे पर बैठक की. इस दौरान मीडिया से बातचीत में अब्दुल मोमन ने कहा
‘चीन ने बांग्लादेश को तकरीबन 82 लाख कोविड टीके दिए हैं. बांग्लादेश भी चीन को लगभग 80 करोड़ डॉलर का सामान निर्यात करता है और चीन से 13 अरब डॉलर का सामान आयात करता है. चीन कई परियोजनाओं में बांग्लादेश की मदद कर रहा है जिनमें पद्म सेतु और रेल परियोजना शामिल है. बांग्लादेश ‘वन चाइना’ नीति में विश्वास करता है. हम संतुलित विदेश नीति रखने में यकीन रखते हैं और ये हमारा मूल सिद्धांत है. हम समय-समय पर चीन को अपना समर्थन देते रहेंगे.’
मोमेन ने कहा
‘चीनी विदेश मंत्री ने उन्हें चीन आने का न्योता दिया है, लेकिन इस पर हमारी ओर से कहा गया है कि आप पहले एक औपचारिक दौरे पर बांग्लादेश आएं फिर हम अपने मुद्दों पर बात करेंगे.’
उधर, बांग्लादेश में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया क़िन गांग वित्त मंत्री बनने के बाद अपनी पहली वार्षिक विदेश यात्रा पर अफ़्रीका जा रहे हैं. ये लगातार 33वां वर्ष है जब चीनी विदेश मंत्री अपने वार्षिक विदेश दौरे की शुरुआत अफ़्रीका से कर रहे हैं. माना जाता है कि चीनी विदेश मंत्री का अफ़्रीका दौरा चीन की व्यापक अफ़्रीकी नीति का हिस्सा है.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषकों की माने तो अफ्रीका यात्रा के बीच चीनी विदेश मंत्री का ढाका में रुकना बताता है कि चीन के लिए बांग्लादेश कितना महत्वपूर्ण होता जा रहा है. ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चीनी विदेश मंत्री का बांग्लादेश में कुछ समय के लिए रुकने का मामला सिर्फ यूं ही नहीं है, इसके खास संकेत भी हैं. क्यूंकि वो किसी दूसरे रास्ते से जाने के बजाय बांग्लादेश से होते हुए ही अफ़्रीका क्यों जा रहे थे. माना जा रहा है कि बांग्लादेश से जुड़े मुद्दों को चीन गंभीरता से ले रहा है. इसलिए अफ़्रीका दौरे के बीच बांग्लादेश रुकने का फैसला किया गया. बता दें बांग्लादेश का सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार चीन है.
हालांकि, इससे पहले जनवरी, 2017 में चीन के पूर्व विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी अफ़्रीका यात्रा के दौरान ढाका के शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक घंटे का स्टॉप ओवर किया था.
फरवरी, 2016 में फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास जापान जाते समय ढाका हवाई अड्डे पर रुके थे. उस समय उन्हें बांग्लादेश आने का न्यौता भी मिला था. फलिस्तीनी राष्ट्रपति यासिर अराफ़ात भी कई बार ढाका हवाई अड्डे पर रुक चुके हैं.
पीएम मोदी को कॉपी कर रहा चीन…
दरअसल, वर्ष 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा संपन्न करने के बाद अचानक अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंच गए थे. जबकि, उनकी काबुल यात्रा का आधिकारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं किया गया था. पीएम मोदी के भारत लौटने से पहले काबुल में रुके थे. पीएम मोदी की फ्लाइट पहुंचने से आधे घंटे पहले ही नवाज शरीफ एयरपोर्ट पहुंच गए थे. विमान से उतरने के बाद नवाज ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया था. दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर चर्चा हुई थी.
बता दें 16वें वार्षिक भारत-रूस शिखर बैठक के तहत पीएम मोदी और पुतिन ने आमने सामने की एक बैठक की थी. इस दौरान दोनों देशों ने परमाणु और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे.