प्रशासन के पास नहीं है काशी के तीर्थ स्थलों का नक्शा

0

प्राचीनतम धर्म नगरी काशी का मानचित्र तक नहीं है प्रशासन के पास, ताकि श्रद्धालु ये जान सकें कि कहां कौन सा तीर्थ स्थल, कहां कौन सा मंदिर या सरोवर है। ऐसा नहीं कि इस काशी में केवल काशी विश्वनाथ, संकट मोचन, दुर्गा मंदिर, काल भैरव मंदिर ही हैं। यह एक मात्र ऐसा तीर्थ स्थल है जहां काशी के प्रमुख तीर्थ द्वादश ज्योर्तिलिंग है, 56 विनायक मंदिर हैं, नौ दुर्गा और नौ गौरी के मंदिर हैं, अष्ट भैरव और द्वादश आदित्य के मंदिर और विग्रह भी हैं। इसके अलावा ऐसे अनेक विग्रह और मंदिर हैं जिसका उल्लेख पुराणों, शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

21 सदस्यीय कमेटी गठित

ये ऐसे तीर्थ स्थल हैं जिनके दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है लेकिन जानकारी न होने के कारण बहुतेरी धर्म प्राण जनता वहां तक पहुंच ही नहीं पाती। ऐसे में ज्योतिष एवं शारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य व श्री विद्यामठ के प्रभारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इसका बीड़ा उठाया है। इसके लिए उन्होंने 21 सदस्यीय कमेटी गठित की है जिसकी रविवार को घोषणा की गई। यह कमेटी शास्त्रों, पुराणों और अन्य हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन से एक नक्शा तैयार करेगी। लोगों को बताएगी कि कहां कौन सा महत्वपूर्ण तीर्थ है।

प्रशासन से अपील

हिंदू जनमानस तक इसे प्रचारित व प्रसारित ही नहीं किया जाएगा बल्कि जो मंदिर, तीर्थ स्थल, सरोवर आदि जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं उनका जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए शासन से किसी तरह की मदद नहीं ली जाएगी। शासन प्रशासन से इतनी ही अपेक्षा है कि वह मंदिरों और देव विग्रहों को खंडित न करे, विध्वंस की प्रक्रिया रोके। यह जानकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रविवार को दी।

खुला मंदिर बचाओ आंदोलन कार्यालय

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि मंदिर बचाओ आंदोलन का कार्यालय भी खोल दिया गया है। इसका उद्घाटन रविवार को ही सुबह 10 बजे शुभ चौघड़िया में काशी के नीलकंठ इलाके में भवन संख्या सीके 33/21-22 भवन में इसका उद्घाटन किया गया। यह कार्यालय धर्म प्राण जनता के लिए सुबह नौ से रात नौ बजे तक खुला रहेगा। इस कार्यालय का अधीक्षक पद्माकर पांडेय को बनाया गया है। जल्द ही इस कार्यालय के लिए एक टोल फ्री नंबर का इंतजाम भी कर दिया जाएगा। काशी तीर्थ के बाबत किसी तरह की जानकारी यहां दी और ली जा सकती है।

Also Read : …तो इसलिए थानों में लगाई जाएगी पुलिसकर्मियों की फोटो

ये है कमेटी

उन्होंने बताया कि काशी तीर्थ के खंडोक्त, पुराणोक्त वर्णित मंदिरों, देव विग्रहों, सरोवरों आदि के संरक्षण और जीर्णोद्धार और नक्शा (काशी-चित्रपटी) के निर्माण के बाबत चाच जून को शाम पांच बजे श्री विद्यामठ में होगी। समिति में धार्मिक, वास्तुविद्, इतिहासकार, भूगोलवेत्ता, शास्त्र व पुराण के ज्ञाता, विभिन्न विषयों के विद्वानों को शामिल किया गया है। गोरख नाथ तिवारी के संयोजकत्व में गठित इस कमेटी में बीएचयू के प्रोफेसर राणा पीबी सिंह, प्रो राकेश पांडेय, नीरजा माधव, डॉ जितेंद्र नाथ मिश्र, डॉ उदय शंकर दुबे, प्रो. राजेश्वर आचार्य, डॉ बलराम पांडेय, प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी, प्रो विजय नाथ मिश्र, अरुण सिंह, राजेंद्र तिवारी, राजनाथ तिवारी, नवीन गिरि, रामानंद तिवारी, अविनाश चंद्र, अंकित श्रीवास्तव, लखनलाल जौहरी, उमाशंकर गुप्त, डॉ अवधेश दीक्षित, साध्वी पूर्णांबा को शामिल किया गया है।

इन गांवों में होंगी मंदिर बचाओ आंदोलन की सभाएं

उन्होंने बताया कि मंदिर बचाओ आंदोलन के दूसरे चरण में पांच जून से जनसभाओं का क्रम शुरू होगा। इसके तहत काशी के सभी गांवों और वार्डों में जनसभाएं होंगी। उत्तर दिशा से शुरू हो कर यह आंदोलन क्रमशः पूर्व, दक्षिण और पश्चिम के गांवों ये सभाएं होंगी। इसके अंतर्गत बड़ा लालपुर, दोनूपुर, हरिहरपुर, अहमदपुर, कानूडीह, लोढ़ान, लालपुर, सरसवां, वासुदेवपुर, होलापुर, हटिया, छतरीपुर, गणेशपुर, परमानंदपुर, चुप्पेपुर, पिसोर, हटिया, डलियापुर, भवानीपुर, लमही, रसूलपुर, वनवारीपुर, ऐढे, गढ़वा, दनियापुर, हासिमपुर, रमदत्तपुर, गोइठहां, सोएपुर, हरिवल्लभपुर, बहोलनपुर, उदयपुर , आदिमपुर, रजनिहां, साई, खालिसपुर, चंदापुर, तारापुर, सथवां, नवापुरा, सिंहपुर, हृदयपुर, धुरीपुर, हिरामनपुर, आशापुर, रसूलगढ़, रघुनाथपुर, खालिसपुर, संदहां, चिरईगांव, बरियासनपुर, रुस्तमपुर, प्रह्लादपुर, पतेरवा, छांहीं, फरीदपुर, तानपुर, भैसबड़ी, कोटवां, कमौली, सरायमोहाना, दीनापुर, तातेपुर, उमरहां, पियरी, पूरनपट्टी, तरैया, खानपुर, खगरीपुर, बरई, शाहपुर, पनिहरी, विकापुर, खुटहन, पर्वतपुर, दनियालपुर, कोदोपुर, भगवानपुर, खेतलपुर, रामगढ़वा, गौरडीह, डुबकिया, नरपतपुर, नरायनपुर, चुंडपुर, गौरा कला, रैपुरा, कमोली, सीवो, शंकरपुर, सिंहवार, मिल्कोपुर, बभनपुरा, नेवादा, फूलपुर, चांदपुर, मढ़नी, पचरांव, मुस्तफाबाद, छितौनी, तोफापुर, रेतापुर, धन्नीपुर, पिछवारी, कोची, चुकहां, वनकट, सोनवरसा, मुरीदपुर, कादीपुर, शिवदसा, सिरसिटी, बर्थराकला, गिरधरपुर, जाल्हूपुर, रमना, रायपुर , कुकरहां, उकथी, धरमपुर, ढाब, गोबरहां, मोकलपुर, रामचनपुर, रायपुर, नखवा, भगतुआं, धोबहीं, मिश्रपुरा,छितौनी, अमौली, गंगापुर, अमोली, सरसौल, लूठा कला,मरिहा, अल्लोपुर, जयरामपुर, कटिया, अमरपट्टी, मोहपुर, इमलिया, सरइया, लोहता, धमरिया, रहीनपुर, रदीनपुर, सबुआ पोखर, नारेपुर, मोहरिया, धन्नीपुर, मट्ठी लोहता, महमूदपुर,धमहापुर, महेशपुर, चांदपुर, भिरारी, फुलवरिया, चुरामनपुर, चंदापुर, केराकतपुर आदि गांवों से होते हुए आगे बढ़ेगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More