मॉरीशस यात्रा पर सीएम, अप्रवासी भारतीयों को कारोबार में बढ़ावा
गुलामी के दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को अंग्रेज एग्रीमेंट पर मजदूरी के लिए मारीशस ले गए थे लेकिन, अब वहां इस अंचल की सबसे बड़ी भागीदारी है। यही लोग वहां आयोजित करते हैं। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
लोग अपनी जड़ों की तलाश करने यहां आते हैं
योगी की मारीशस यात्रा ने सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ ही पूंजी निवेश की संभावनाओं का वातावरण तैयार किया है। वह बदले माहौल में अप्रवासी भारतीयों को कारोबार के लिए उप्र आमंत्रित करेंगे। एग्रीमेंट पर मारीशस गए लोग गिरमिटिया मजदूर कहलाए लेकिन, बाद के दिनों में वहां के शासन-सत्ता में उनकी हिस्सेदारी हो गई। पर, अपने पूर्वजों की मिट्टी उत्तर प्रदेश से उनका नाता बना हुआ है। बहुत से लोग अपनी जड़ों की तलाश करने यहां आते हैं।
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उद्योग के क्षेत्र में संभावनाओं का ब्योरा भी उन्हें दिया
योगी आदित्यनाथ ने इन भावनाओं को समझते हुए रिश्तों को मजबूती दी है। योगी के साथ केंद्रीय मंत्री और बिहार निवासी गिरिराज सिंह भी गए हैं। मुख्यमंत्री के साथ गई टीम के लोग बताते हैं कि अद्भुद माहौल बना है। मारीशस के वाणिज्य मंत्री आतिश गंगा ने अपनेपन के अहसास के साथ योगी का स्वागत किया तो उप्र से वाणिज्यिक रिश्तों की नींव पड़ती दिखी। अफसरों ने उद्योग के क्षेत्र में संभावनाओं का ब्योरा भी उन्हें दिया। हर साल वहां होने वाले में विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधित्व रहता है लेकिन, यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है।
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करीब 68 फीसद लोग भारतीय मूल के हैं
इसकी सबसे बड़ी वजह मारीशस में पूर्वाचल और बिहार के लोगों की बड़ी संख्या में मौजूदगी है। वैसे भी मारीशस की आबादी में करीब 68 फीसद लोग भारतीय मूल के हैं। गोरक्षपीठ के प्रति लोगों की श्रद्धा है। योगी गोरक्षपीठ के महंत भी हैं। ऐसे में उनकी मौजूदगी से रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। योगी आदित्यनाथ नवी मुंबई स्थित उत्तर प्रदेश भवन में रात्रि विश्रम करने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं।
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योगी ने उप्र भवन में ही रुकने का फैसला किया
वह मॉरीशस जाते हुए रात करीब 11 बजे उत्तर प्रदेश भवन पहुंचे और सुबह पांच बजे रवाना हुए। मुंबई से मॉरीशस की उनकी फ्लाइट अगले दिन सुबह छह बजे की थी। मुंबई भाजपा के महासचिव अमरजीत मिश्र ने मुख्यमंत्री को महाराष्ट्र सरकार के मलाबार हिल्स स्थित सह्याद्रि गेस्ट हाउस में रुकने का आग्रह किया, लेकिन योगी ने उप्र भवन में ही रुकने का फैसला किया।
अखिलेश यादव पांच सितारा होटल में रुके थे
बता दें कि 33 करोड़ की लागत से बने इस उत्तर प्रदेश भवन का उद्घाटन 23 मई, 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। भवन के ऊपरी मंजिल पर सीएम के लिए विशेष सुईट आरक्षित रहता है। भवन का उद्घाटन करने के बाद अखिलेश यादव पांच सितारा होटल में रुके थे।
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