‘मामा शिवराज’ ने इस काम के लिए जनता को दी बधाई
स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में मध्य प्रदेश के इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर की सूची में प्रथम और राजधानी भोपाल को दूसरा स्थान मिलने के साथ 100 स्वच्छ शहरों की सूची में राज्य के 21 शहरों को स्थान मिलने से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गदगद हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार रात को ब्लॉग लिखकर जनता के प्रति आभार जताते हुए कहा कि राज्य की जनता जो तय कर ले, उस लक्ष्य को पा सकती है।
चौहान ने ब्लॉग में लिखा है, “स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में पूरे देश में इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। प्रदेश की राजधानी भोपाल इस सर्वेक्षण में स्वच्छता के लिए पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। सर्वेक्षण में शीर्ष 100 स्वच्छ शहरों में मध्य प्रदेश के 21 शहरों को स्वच्छता के लिए स्थान मिला है। मेरे लिए यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है।”
उन्होंने आगे लिखा है, “भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच और पहल के कारण देश के सभी शहरों के बीच स्वच्छता को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कराई गई थी। इस प्रतिस्पर्धा में 434 शहरों का सर्वे कराया गया था। सर्वे में विभिन्न मापदण्डों के आधार पर शहरों को स्वच्छता के लिए अंक दिए गए थे,
जिसमें डाक्यूमेन्टेशन के लिए 900, इंडिपेंडेंट ऑब्जर्वेशन के लिए 500 व जनता के फीडबैक और स्वच्छता ऐप के लिए 600। इस प्रकार कुल 2000 अंक प्रत्येक शहर के लिए निर्धारित किए गए थे। मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी है कि हमारे प्रदेश के शहर इंदौर को 1807 अंकों के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर और भोपाल को 1800 अंकों के साथ देश का दूसरा सर्वाधिक स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।”
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ब्लॉग में चौहान ने लिखा है, “मध्य प्रदेश के ही शहर रीवा को दो से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में ‘इंडियाज फास्टेस्ट मूविंग सिटी’ तथा दो लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में खरगोन को ‘इंडियाज फास्टेस्ट मूविंग सिटी’ चुना गया है।
इस सर्वेक्षण में हमारे प्रदेश के अन्य शहरों में उज्जैन, जबलपुर, सागर, कटनी, ग्वालियर, ओंकारेश्वर, रतलाम, सिंगरौली, छिन्दवाड़ा, सीहोर, देवास, होशंगाबाद, पीथमपुर, खण्डवा, मंदसौर, सतना, बैतूल और छतरपुर भी स्वच्छ शहरों में चुने गए हैं।”
उन्होंने आगे लिखा है कि इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए हमारे प्रदेश में ईमानदारी से सामूहिक प्रयास हुए हैं। इन प्रयासों में निरंतरता बनी रहे, ताकि शीघ्र ही मध्य प्रदेश पूरे देश में सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में पहचाना जाए। प्रदेश ने ‘हमारा शहर नम्बर एक’ मुहिम प्रारंभ की है, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं।
इसी वर्ष के अन्दर प्रदेश के सभी 379 शहरों को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के 194 शहर अभी तक खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। इसमें से 144 का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुका है। शेष के लिए कार्यवाही प्रक्रिया में है।
उन्होंने आगामी योजना का जिक्र करते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश में प्रारंभ हुए इस स्वच्छता अभियान को निरंतर बनाए रखना चाहते हैं। आने वाले समय में हमारा प्रयास होगा कि हम देश में चुने हुए अपने सबसे स्वच्छ शहरों को तो इसी तरह स्वच्छ बनाए रखें और शेष शहरों को भी स्वच्छता के सभी मापदंडों के समकक्ष लेकर आए। हमें यह लक्ष्य प्रदेश की जनता की भागीदारी के बिना प्राप्त नहीं हो सकता।