पैगंबर के समय बनी थी भारत की सबसे पुरानी मस्जिद, यहां हिंदू बच्चों को भी दी जाती है तालीम
भारत की पहली मस्जिद पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद के जीवन के दौरान ही बनाई गई थी। केरल के कोडुंगलूर क्षेत्र में बनी प्रसिद्ध यह मस्जिद राजा चेरामन पेरुमल के नाम पर है।
भारत की पहली मस्जिद पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद के जीवन के दौरान ही बनाई गई थी। केरल के कोडुंगलूर क्षेत्र में बनी प्रसिद्ध यह मस्जिद राजा चेरामन पेरुमल के नाम पर है। स्थानीय परंपराओं के अनुसार राजा ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया था और उन्हीं के आदेश पर इस मस्जिद का निर्माण कराया गया था। 629 ईस्वी में बनी इस मस्जिद को दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद बताया जाता है।
कई बार गुजर चुकी निर्माण की प्रक्रिया से:
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेरामन जुमा मस्जिद अपनी केरल शैली की वास्तुकला के लिए बहुत पसंद की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसे अतीत में पुर्तगालियों ने नष्ट कर दिया गया था। इससे पहले इसका 1984 में भी रिनोवेशन किया गया था। इस मस्जिद में मुसलमान के साथ ही हिंदू धर्म को मानने वाले भी आते हैं। साथ ही यहां के इमाम के पास गैर-मुस्लिम बच्चे भी शिक्षा की दुनिया में अपना पहला कदम रखने की तालीम लेने आते हैं।
एक हजार साल से जल रहा दीया:
चेरामन जुमा मस्जिद पहले लकड़ी से बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसकी मरम्मत होती रही। मस्जिद के अंदर लगा काला संगमरमर मक्का से लाया गया था। दक्षिण के मंदिरों की तर्ज पर इस मस्जिद में भी एक तालाब देखने को मिलता है। ऐसा माना जाता है कि कोडुंगलूर भारत का पहला और विश्व की दूसरा ऐसा स्थान है, जहां जुमा नमाज शुरु हुई थी। चेरामन जुमा मस्जिद में एक दीया हजार साल से भी अधिक समय से लगातार जल रहा है।
इनोवेशन की लागत लगभग 1.14 करोड़ रुपये:
चेरामन जुमा मस्जिद के इनोवेशन की लागत लगभग 1.14 करोड़ रुपये है। जिसका उद्देश्य मस्जिद के मूल लकड़ी के काम को बनाए रखना था। मस्जिद के छत पर मिट्टी की टाइलों का भी उपयोग किया गया है। जिसके रिनोवेशन में लगभग 30 महीने का समय लगा है।
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