सस्ती चीनी के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम, बढ़ाई गई निर्यात पर लगी रोक
केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी के दामों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए चीनी के निर्यात पर लगी रोक को सीधे एक साल के लिए और बढ़ा दिया है. इसे बढाकर साल 2023 तक बढ़ा दिया गया है प्रतिबन्ध बढ़ाए जाने के संबंध में सरकार ने शुक्रवार को आदेश जारी किया था, आपको बता दें कि भारत गन्ना उत्पादन में सबसे बड़ा देश है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारीयों ने बताया कि इस बार देश में गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार होने की उम्मीद है. इससे भारत के लिए 80 लाख टन शुगर के निर्यात का मौका बन सकता है.
भारत में शुगर सीजन 2022-23 में 2.75 करोड़ टन चीनी की खपत का अनुमान है. इसमें से 45 लाख टन चीनी का इस्तेमाल मिल्स इथेनॉल बनाने के लिए करेंगी. इसके अलवा 60 लाख टन का चीनी को वार्षिक बचत स्टॉक के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा.
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सीजन 2021-22 में हुआ था जमकर निर्यात:
पिछले शुगर सीजन में 1 करोड़ 9 लाख टन चीन का निर्यात हुआ था जो उससे पिछले सीजन से 57 फीसदी अधिक था. इसकी बदौलत भारत को 40,000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ था. शुगर सीजन 2021-22 के अंत में शुगर मिल्स द्वारा गन्ना किसानों को 6000 करोड़ रुपये देना बाकी रह गया था. यह तब था जब कंपनियां 1.12 लाख करोड़ रुपये किसानों को दे चुकी थीं. उस सीजन में रिकॉर्ड 5000 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था.
भारत में सुगर सीजन आमतौर पर अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. वहीं, गन्ने की पिसाई का काम अक्टूबर-नवंबर में शुरू होता है और अप्रैल तक चलता है. भारत में शुगर मिल्स 80 लाख से 1 करोड़ टन के स्टॉक के साथ काम की शुरुआत करती हैं. हालांकि, इस साल इसके 60 लाख टन रहने की उम्मीद है.
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