सीएए हिंसा : लखनऊ में 100 समेत उप्र में 300 को मिला नोटिस
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में यूपी में हिंसा भड़काने के आरोपियों से क्षतिपूर्ति वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूरे यूपी में 130 लोगों को नोटिस भेजा गया है। इनसे क्षतिपूर्ति के रूप में करीब 50 लाख रुपये की वसूली होगी। नोटिस में कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर प्रशासन की तरफ से उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।
लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ पिछले सप्ताह शहर में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में 100 लोगों को नोटिस दे दिया है।
लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा, “अब तक 100 लोगों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है और उन्हें सात दिन के अंदर खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कहा गया है।”
रामपुर में प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस
रामपुर में प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस भेजा है। इसी तरह संभल में 26, बिजनौर में 43 और गोरखपुर में 33 लोगों को नोटिस दिया गया है। हिंसा के दौरान रामपुर में करीब 14.8 लाख रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। वहीं, संभल में 15 लाख और बिजनौर में 19.7 लाख का नुकसान हुआ है। वहीं, गोरखपुर में अभी अधिकारी नुकसान का आंकलन कर रहे हैं।
इन लोगों की पहचान सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर की गई।
उनकी संपत्ति को जब्त क्यों न किया जाए
आरोपियों से यह पूछा गया है कि सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनकी संपत्ति को जब्त क्यों न किया जाए। जो लोग इन नोटिस के जवाब नहीं देंगे उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी।
लखनऊ के जिला अधिकारी ने पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है। यह प्रक्रिया 30 दिनों के अंदर पूरी होगी और उसके बाद संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
रामपुर में 25 लाख रुपये नुकसान
वहीं रामपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में चिन्हित 28 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने वहां 25 लाख रुपये के नुकसान का आंकलन किया है।
रामपुर के जिला अधिकारी आंजनेय सिंह ने कहा, “दोषियों को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए। जवाब नहीं देने पर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए उनसे धन वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”
मेरठ में 14 लाख रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है और जांच में इसके लिए 141 लोगों पर आरोप लगा है।