…जब दलित के घर इस BJP मंत्री ने बनाई चूल्हें पर रोटियां

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सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रतापगढ़ पहुंचे। यहां के मधुपुर गांव निवासी दयाराम सरोज के घर उनके लंच का इंतजाम किया गया। सीएम गांव उसके घर प्रभारी मंत्री स्वाति सिंह, गांव प्रधान मोती सिंह और अन्य सांसद-विधायकों के साथ पहुंचे थे। लंच का टाइम हुआ तो सीएम और अन्य लोग तो भोजन के लिए बैठ गए, लेकिन स्वाति सिंह अंदर किचन में काम कर रही महिलाओं की मदद करने पहुंच गईं। वहां उन्होंने रोटी बनाई और खाना भी परोसा।

लकड़ी वाले चूल्हे पर रोटी सेकने की इच्छा जाहिर की

सीएम के होस्ट बने दयाराम सरोज के किचन में देसी चूल्हे पर रोटियां पक रही थीं। सभी महिलाएं नीचे बैठकर रोटियां बना रही थीं। स्वाति सिंह रोटी बेलने बैठ तो गईं, लेकिन चंद रोटी बेलते ही उनकी कमर दुखने लगी। वो वहां बैठी महिलाओं से बोलीं, “बस… अब और बेला नहीं जा रहा।”उसके बाद उन्होंने लकड़ी वाले चूल्हे पर रोटी सेकने की इच्छा जाहिर की। चूल्हे पर एक बड़ा सा तवा उल्टा रखा गया था और नीचे आग जल रही थी। तवे पर एक बार में 4 से 5 रोटियां सिक रही थीं।

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उन्हें फुलाने के लिए अंदर आग में डालना था। स्वाती ने यह काम भी किया।थोड़े काम के बाद वो सीएम के साथ लंच करने बैठ गईं।सोमवार को गांव में हुए लंच में सीएम योगी के लिए उनका मनपसंद खाना बनाया गया। मेन्यू में भिंडी की सब्जी, करेले की कलौंजी, लौकी की सब्जी, अरहर दाल, खीरे का रायता तुरई की सब्जी और रोटी-चावल था। इसके साथ छाछ और रसमलाई भी रखी गई।दलित दयाराम सरोज के परिवार में सीएम के साथ कुल 25 अतिरिक्त लोगों के लिए भोजन बनाया गया।

दयाशंकर की बेटी के लिए गलत बातें कही थीं

जिस दयाराम के घर सीएम ने भोजन किया, उनके घर के पांच सदस्य सरकारी नौकरी करते हैं और गांव के करोड़पतियों में उनकी गिनती होती है।साल 2016 में स्वाति सिंह के पति और तात्कालीन बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अपशब्द कहे थे, जिसके बाद उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था। जवाब में बसपा के कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर की बेटी के लिए गलत बातें कही थीं।

बसपा सपोर्टर्स के खिलाफ शिकायत की थी

अपशब्दों से नाराज स्वाति ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने चैलेंज किया था कि वो किसी भी सीट से चुनाव लड़कर बसपा प्रमुख को हरा सकती हैं।उन्होंने कहा था, “मेरे पति ने अगर कुछ गलत भी किया हो तो उसकी सजा मेरी बेटी को कैसे दी जा सकती है?” उन्होंने अपनी सास के साथ गवर्नर से मुलाकात कर बसपा सपोर्टर्स के खिलाफ शिकायत की थी। स्वाति सिंह की पॉपुलारिटी देखते हुए बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया था और वो 2017 का विधान सभा चुनाव जीती थीं। इसके बाद उन्हें योगी सरकार में मंत्री पद भी दिया गया।

दैनिक भास्कर

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