क्लाइमेट समस्या को दूर कर सकता है बजट 2021?
महामारी के दौर में 2021-2020 के बजट को आम बजट भी कहा जा रहा है. ये देश का पहला पेपरलेस बजट है। वित्तमंत्री ने कहा कि मुश्किल हालात में यह बजट पेश हो रहा है। बजट कोरोना काल में तैयार किया गया। यह बजट ऐसे वक्त में आ रहा है, जब देश की जीडीपी लगातार दो बार माइनस में गई है, लेकिन यह ग्लोबल इकोनमी के साथ भी ऐसा ही हुआ है।
अपने लंबे बजट भाषण के दौरान उन्होंने पर्यावरण से जुड़ी कई घोषणाएं कीं। इनमें से जल जीवन मिशन, वायु प्रदूषण और परिवहन से जुड़ी कई घोषणाएं शामिल हैं। बजट में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रस्ताव किया गया है।
वित्तमंत्री के अनुसार अगले पांच साल में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक क्लीन एयर पर खर्च किए जाएंगे। स्वच्छ हवा के लिए देशभर के दस लाख से अधिक आबादी वाले 42 शहरी केंद्रों पर 2,217 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा। इससे प्रदूषण नियंत्रित होगा।
देशभर में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। निजी गाड़ी को 20 साल बाद इन सेंटर पर ले जाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने का एलान किया, जिसके तहत शहरों में अमृत योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए 2,87,000 करोड़ रुपए जारी किया गया है।
कृषि
वित्त मंत्री ने कहा कि मुश्किल के इस वक्त में भी मोदी सरकार का फोकस किसानों की आय दोगुनी करने, विकास की रफ्तार को बढ़ाने और आम लोगों को सहायता पहुंचाने पर केंद्रित रही है। उन्होंने अपने बजट भाषण के दौरान बताया कि धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस बार यह बढ़कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है।
इसके अलावा 2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। वहीं 2019 में 63 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की गई थी जो बढ़ कर अब लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है। वहीं दूसरी ओर दाल की खरीदारी में 236 करोड़ रुपए 2014 में खर्च किए गए थे। इसे इस साल 10 हजार 500 करोड़ रुपए की खरीदारी की जाएगी। इसमें 40 गुना इजाफा हुआ है।
वित्तमंत्री ने बताया कि 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला। सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर कायम है। एमएसपी को बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य
बजट में पोषण पर भी कई घोषणाएं की गई हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि न्यूट्रीशन 112 अस्परेशनल जिलों में इस बार विशेष ध्यान दिया जाएगा।यह नेशनल हेल्थ मिशन से अलग होगा। 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र, क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल ब्लॉक 602 जिलों में, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल व इंटिग्रेडेट हेल्थ इनफो पोर्टल को मजबूत बनाया जाएगा। कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ की व्यवस्था कि गई है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का एलान किया। सरकार की ओर से इसके लिए 64,180 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
बिजली
सरकार की ओर से बिजली के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की स्कीम लांच की जा रही हैं। यह स्कीम देश में बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम करेंगी। सरकार की ओर से हाइड्रोजन प्लांट बनाने का भी ऐलान किया गया है। बिजली क्षेत्र में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिफ) मॉडल के तहत कई प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। उज्ज्वला स्कीम से अबतक 8 करोड़ परिवारों को फायदा हुआ। अब आगामी बजट वर्ष के दौरान एक करोड़ परिवार और जुड़ेंगे। 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
रेल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार की जाएगी। मेट्रो रेल का 702 किमी पहले से ही परिचालन किया जा रहा है। वर्तमान में 1,016 किमी में पर काम चल रहा है। यात्रियो की सुविधा के लिए विस्टाडोम कोच की शुरूआत। कुल 1.10 लाख करोड़ रुपये का बजट रेलवे को आबंटित किया गया है। भारतीय रेलवे के अलावा मेट्रो, सिटी बस सेवा को बढ़ाने पर फोकस होगा। इसके लिए 18 हजार करोड़ रुपये की लागत लगाई जाएगी। कोच्चि, बंगलूरू, चेन्नई, नागपुर, नासिक में मेट्रो प्रोजेक्ट को और बढ़ाया जाएगा।
खर्च
पिछले बजट में पूंजीगत खर्च के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इस बार इसमें 18 लाख करोड़ रुपए बढ़ाया गया है। और अब 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी प्रकार से अगले साल 5.54 लाख करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, 5वां नवाचार और अनुसंधान और विकास, 6वां स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।