मायावती ने SC से कहा – मूर्तियों की स्थापना सही
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अपनी मूर्तियों की स्थापना को सही ठहराया है। मायावती का कहना है कि मूर्तियां लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं। बसपा प्रमुख मायावती द्वारा शहर में बनवाई गई मूर्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बसपा सुप्रीमो ने अपना हलफनामा दाखिल किया है।
मायावती ने कहा कि राज्य के विधानसभा की इच्छा का उल्लंघन कैसे करूं। इन प्रतिमाओं द्वारा विधान मंडल ने दलित महिला नेता के प्रति आदर व्यक्त किया है। यह स्मारक लोगों को प्रेरणा दिलाने के लिए बनाए गए थे। इन मूर्तियों के लिए बजट का उचित आवंटन किया गया था।
मूर्ति नहीं करती पार्टी का प्रतिनिधित्व-
मायावती ने कहा कि यह पैसा शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए या अस्पताल पर, यह एक बहस का सवाल है। यह अदालत द्वारा तय नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हाथियों की मूर्ति केवल वास्तुशिल्प की बनावट मात्र है। यह बसपा पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर आज सुनवाई कर सकता है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो पहली नजर में उसका विचार है कि बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रतिमाओं पर लगाया जनता का पैसा लौटाना चाहिए।
मायावती ने अपने शासन काल में बनवाई थी प्रतिमाएं-
बता दें कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2007 से 2012 के अपने शासन काल में लखनऊ और नोएडा में मायावती और पार्टी चिन्ह हाथी की प्रतिमाएं बनवाई गई थीं। एक वकील ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की थी कि नेताओं द्वारा अपनी और पार्टी के चिन्ह की प्रतिमाएं बनाने पर जनता का पैसा खर्च न करने के निर्देश दिए जाएं।
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