भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के इस आरोप पर कि देश में ‘अचानक लॉकडाउन’ लागू कर दिया गया, बुधवार को पलटवार किया। भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया के दौरान राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कई बार सलाह ली गई थी। उन्होंने राज्यसभा में कहा, “पीएम और अन्य मंत्रियों के साथ हुई करीब 15 बैठकों में किसी मुख्यमंत्री ने नहीं कहा कि लॉकडाउन नहीं करना चाहिए। विपक्ष को ऐसे दोहरे व्यवहार से बचना चाहिए।”
उन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले महाराष्ट्र में हैं।
प्रधानमंत्री के विचार का मजाक उड़ाने की कोशिश
सहस्रबुद्धे ने फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए दीये जलाने के प्रधानमंत्री के विचार का मजाक उड़ाने की कोशिश करने वालों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जो लोग इंडिया गेट पर मोमबत्ती जलाते हैं, उन्हें हमारे फ्रंटलाइन वॉरियर्स के लिए दीये जलाने के विचार का विरोध नहीं करना चाहिए।
इस पर तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, “इस जल्दबाजी में फ्रंटलाइन वारियर्स को श्रद्धांजलि देने की बात को भुलाया जा रहा है जिन्होंने इस वायरस से लड़ाई में अपनी जान गंवाई है।”
उन्होंने आगे कहा, “खर्च किए गए प्रत्येक 100 रुपये में से 63 रुपये राज्य के हैं। जब चीजें ठीक चल रही होती हैं, तो आप उनका क्रेडिट लेना चाहते हैं और जब ठीक नहीं होती हैं तो आप मुख्यमंत्रियों के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं।”
मिलकर काम करने की अपील
आखिर में उन्होंने केंद्र से ‘विनम्रता’ दिखाने और मुख्यमंत्रियों से साथ मिलकर काम करने की अपील की।
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