पहलवानों के सवाल पर दौड़ने लगी भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, जवाब पर साध ली चुप्पी!
भाजपा महिला सांसद मीनाक्षी लेखी ने पहलवानों के सवाल भागना शुरू कर दिया। सांसद ने भाषण स्थल से गाड़ी तक पहुंचने के लिए लंबी दौड़ लगा दी। दरअसल, एक पत्रकार भाजपा सांसद मीनाक्षी से सवाल कर रही थी कि देश के पहलवान मेडल गंगा में प्रवाहित करने जा रहे हैं, आप क्या कहेंगी, इसपर भाजपा सासंद ने जवाब देने के बजाय दौड़ना शुरू कर दिया। मीनाक्षी लेखी का पत्रकार के सवालों से बचने के लिए भागने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पत्रकार – मैडम, पहलवान बैठे हैं, क्या कहेंगी ?
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी – भाग रही हैं !
पत्रकार – मैडम, पहलवान अपने मैडल गंगा में बहाने जा रहे हैं, आप क्या कहेंगी ?
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी – भाग रही हैं !
महिला पहलवानों ने गंगा में बहाएं मेडल
मंगलवार को सभी प्रदर्शनकारी पहलवान अपने-अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने पहुंच गए थे। ये वही मेडल थे, जिन्हें हासिल करते हुए देश को इन बेटियों पर गर्व महसूस हो रहा था। देश में ओलंपिक से केवल एक यही मेडल आया था और वो भी महिला पहलवानों ने गंगा में बहा दिया। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सवाल पूछने पर बचकर भागने लगी भाजपा सांसद
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची थी। जहां एक महिला पत्रकार ने उनसे पहलवानों को लेकर सवाल पूछ लिया। फिर क्या था भाजपा सांसद मीनाक्षी ने लंबी दौड़ लगा डाली। मानों सांसद पहलवानों से जुड़े किसी भी सवाल से बचना चाहती हो। भाजपा सांसद ने भाषण देने वाले स्थल से उतकर दौड़ना शुरू किया तो वो सीधे गाड़ी के पास ही जाकर रुकी। कांग्रेस पार्टी ने भी इस वीडियो को शेयर करके मीनाक्षी लेखी पर तंज कसे हैं और पहलवानों के मुद्दे पर इसे मीनाक्षी की ‘तीखी प्रतिक्रिया’ बताया है।
भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग
पिछले एक महीने से महिला पहलवान भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलित हैं। महिला पहलवानों का आरोप है कि भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों का यौन शोषण करते हैं। वहीं, 28 मई को धरना-प्रदर्शन कर रहें महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर से दिल्ली पुलिस ने हटा दिया। पुलिस ने सभी पहलवानों को हिरासत में ले लिया था। शासन द्वारा महिला पहलवानों की मांग पूरी न होने पर इन महिला पहलवानों ने अपनी आस खो दी और सभी मेडल गंगा में प्रवाहित करने का मन बना लिया।
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