‘I.N.D.I.A’ पर भड़के भाजपा नेता, कहा-  ‘संविधान से हटाया जाए इंडिया नाम…’, जानिए वजह

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जब से विपक्षी दलों ने एकता के प्रतीक के रूप में महागठबंधन का नाम ‘I.N.D.I.A’ रखा है। तब से भाजपा नेताओं के अलग-अलग सुर सुनने को मिल रहे हैं। इस बीच विपक्ष के ‘I.N.D.I.A’ पर भड़के भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने एक अजीब मांग कर डाली। भाजपा सांसद नरेश बंसल ने संविधान से इंडिया नाम को हटाने की मांग की है। नरेश बंसल का कहना है कि इंडिया नाम गुलामी का प्रतीक है। इसलिए इसे संविधान से हटाकर देश का नाम केवल भारत रखना चाहिए।

BJP सांसद नरेश बंसल ने राज्यसभा में कहा, “इंडिया नाम गुलामी का प्रतीक है, संविधान से हटा देना चाहिए।”

‘I.N.D.I.A’ नाम पर भाजपा को एतराज 

दरअसल, भाजपा सांसद को इंडिया शब्द पर आपत्ति तब हो रही है जब विपक्षी दलों ने मिल कर एक आया गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ बनाया है। अब केंद्र शासित पार्टी भाजपा के अंदर ‘I.N.D.I.A’ शब्द को लेकर तरह-तरह के विचार पनपने लगे हैं। इन्हीं विचारों का ही यह नतीजा है कि अब भाजपा को देश के नाम इंडिया से ही एतराज हो गया है। भाजपा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि अब जब आज़ादी का अमृत काल चल रहा है, तो संविधान के अनुच्छेद-1 को संशोधित कर के इस पुण्य पावन धरा का नाम केवल ‘भारत’ रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लगातार ‘मोदी बनाम इंडिया’ वाल नैरेटिव चला कर देश के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं।

पीएम मोदी भी चाहते हैं दासता के चिन्हों से मुक्ति

भाजपा सांसद नरेश बंसल ने इंडिया नाम को संविधान से हटाने के लिए पीएम मोदी के एक बयान की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि विगत स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि देश को दासता के चिह्नों से मुक्ति दिलाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ‘5 प्रण’ की बात की थी, जिसमें गुलामी की मानसिकता से देश को मुक्ति दिलाने की बात कही गई थी। नरेश बंसल ने कहा कि औपनिवेशिक सोच से मुक्ति दिलाने की ज़रूरत है और परंपरागत भारतीय मूल्यों और सोच को लागू करने की आवश्यकता है।

अंग्रेजों ने दिया था ‘इंडिया’ नाम

भाजपा सांसद नरेश बंसल ने अपनी मांग को बल देने के लिए कई तर्कों का प्रयोग कर रहे हैं। नरेश बंसल ने इंडिया नाम पर अंग्रेजों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने 250 वर्षों तक भारत पर राज़ किया था। तब अंग्रेजों ने ही भारत का नाम बदल कर ‘इंडिया’ रख दिया था। देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1950 में भारत में संविधान लिखा गया था। उस समय संविधान में देश को ‘इंडिया दैट इज भारत’ लिखकर संबोधित किया गया था। लेकिन अब इसे हटा कर ‘भारत’ करने का समय आ गया है।

 

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