एक ‘बड़े’ व्यक्ति ने रुकवाई थी BJP विधायक की गिरफ्तारी

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर जनता और विपक्षी दलों की नाराजगी से चौरतफा घिरी योगी आदित्यनाथ सरकार के बारे में एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने चौंकाने वाला दावा किया है।

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हस्तक्षेप के चलते गिरफ्तारी रोक दी गई

बीजेपी नेता ने ट्वीट कर दावा किया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायक की गिरफ्तारी का फैसला ले लिया था, लेकिन एक एक बड़े व्यक्ति के हस्तक्षेप के चलते गिरफ्तारी रोक दी गई। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आईपी सिंह ने बुधवार (11 अप्रैल) को 11.07 बजे ट्वीट किया- ”कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार करने का फैसला पूज्यनीय योगीजी ने ले लिया था और सीएम ऑफिस में गिरफ्तारी होती साथ-साथ उन्नाव के कप्तान को निलंबित करना महाराज जी ने तय कर लिया था लेकिन अचानक एक बड़े व्यक्ति के हस्तक्षेप से मामला लंबित हो गया जिसका खामियाजा पूरी पार्टी ने भुगता।”

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इसके करीब आधा घंटे बाद यानी 11.38 बजे आईपी सिंह ने एक और ट्वीट किया- ”समस्त विधायक सांसद यूपी सरकार में, सभी मंत्री एवं अधिकारी गण, मतलब पक्ष विपक्ष यदि कोई भी कानून से खेलने की कोशिश या मनमानी करेंगे या पुलिस के लोग ऐसे मामले दबाने की कोशिश करेंगे तो उसका हश्र ऐसा ही होगा, सरकार किसी को माफ नहीं करेगी, अब सपा बसपा की सरकार नही है।”

पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं

बीजेपी के एक और नेता और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुनील भराला ने भी मामले को लेकर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा और पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से दखल देने की अपील की।बराला ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर अपनी राय रखी। बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में लगातार पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

पॉस्को एक्ट में केस दर्ज किया गया है

इसी बीच गुरुवार (12 मार्च) को उन्नाव के ही माखी थाने में आरोपी विधायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट में केस दर्ज किया गया है। मामले में विधायक का भाई अतुल सिंह सेंगर भी आरोपी है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के चलते निलंबित किया गया है। मामला अब सीबीआई देख रही है और लेकिन एसआईटी के भी काम करते रहने की खबरें हैं।

जनसत्ता

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