वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर अभद्र टिप्पणी कर बुरे फंसे DMK नेता, BJP ने खोला मोर्चा, की कार्रवाई की मांग
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर डीएमके नेता की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. बीजेपी ने कार्रवाई की मांग करते हुए हमला बोला है. दरअसल डीएमके द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें डीएमके के कई नेता शामिल हुए थे. इसी दौरान डीएमके नेता इनियावन ने वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कटाक्ष किया.
डीएमके नेता ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “अगर हम डीएमके की महिलाओं को 2.5 लाख वोटों के अंतर से संसद में भेजते हैं, तो आपके सामने एक ‘मूढेवी मुंडा’ बैठेगी और आपसे सवाल पूछेगी, जो अभी तक एक भी चुनाव में खड़ी नहीं हुई है. मेरा बस एक अनुरोध है कि संसद सदस्य जाएं और अगर वह ‘अचार बेचने वाली मंत्री’ आपके सामने आकर खड़ी हो जाए, तो उनसे यह कहना कि मैं 2.5 लाख वोट से जीतकर आई हूं, आप पूछें कि क्या आपको एक वोट मिल सकता है?”
बता दें कि तमिल में मूढेवी का अर्थ ‘दुर्भाग्य की देवी’ से लगाया जाता है. वहीं मुंडा एक तमिल अपशब्द है और विधवा महिला को संबोधित करने का अपमानजनक तरीका है.
बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि “डीएमके ने केवल दुर्व्यवहार करने वालों को मंच प्रदान करने की आदत बना ली है, जिनके जीवित रहने का साधन अपमानजनक टिप्पणियां देना है. इस घृणित रवैये को इस सरकार ने बढ़ावा दिया है. इसे गिरफ्तार करने के लिए किसी भी हद तक जाया जा सकता है. तमिलनाडु भाजपा वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है. हमने तमिलनाडु पुलिस से इस व्यक्ति पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
डीएमके नेता का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर लिखा “अभी जो वीडियो हमारे तमिलनाडु के अध्यक्ष अन्नमलाई जी ने शेयर किया है. उसमें दिखाई देता है कि डीएमके कैसे एक महिला विरोधी मानसिकता को बढ़ाता है. डीएमके ने ऐसे व्यक्ति को प्लेटफार्म दिया है, जिसने निर्मला सीतारमण जी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है. ये पहली बार नहीं है. ऐसी टिप्पणियां पहले भी आती रही हैं.
यह भी पढ़ें- विधानसभा उपचुनाव पर फोकस करने में जुटे राजनीतिक दल
डीएमके का ये चरित्र बन गया है. पार्टी का विरोध करते करते महिलाओं का विरोध करना उनका चरित्र बन चुका है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिये. प्रियंका वाड्रा, प्रियंका चतुर्वेदी, सु्प्रिया श्रीनेत और अन्य महिला नेत्रियों को इस मुद्दे पर बयान जारी करना चाहिए. क्या जैसे वो स्वाति मालीवाल के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुई हैं, वैसे ही इस मामले पर चुप रहेंगी? “