एक वोटर के लिए बना दिया पोलिंग बूथ

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देश के हर नागरिक का पहला हक मतदान करना है। देश में चुनाव किसी उत्सव से कम नहीं है। इसलिए मतदान के लिए सालों पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं चाहे वो आम आदमी या नेता मंत्री। हर एक नागरिक अपने मतदान का प्रयोग कर सके इसलिए नागरिको के लिए खास इंतजाम किये जाते है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गुजरात चुनाव में देखने को मिल रहा है।
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हम हर चुनाव में पोलिंग बूथ बनाते हैं
आयोग ने राज्य के गिर सोमनाथ जिले के बानेज गांव में मात्र एक वोटर के लिए पोलिंग बूथ बनाया है। वर्ष 2002 के बाद से हरेक चुनाव में चुनाव आयोग इस गांव में मतदान की पूरी व्यवस्था करता है। जब की टीम बानेज के बीएलओ चिमनभाई रुपाला के पास पहुंची तो उन्होंने कहा, ‘यह सुनिश्चित करने के लिए महंत अपना वोट दे सकें, हम हर चुनाव में पोलिंग बूथ बनाते हैं।
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‘ उन्होंने कहा, ‘अन्य पोलिंग बूथों की तरह यहां बानेज में एक वोटर के लिए भी पूरे कर्मचारी आते हैं। इसमें मतदान अधिकारी, दो चुनाव एजेंट, एक चपरासी, दो पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ जवान मतदान खत्म होने तक ड्यूटी करते हैं। गुजरात में पहली बार वीवीपीएटी ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा, इसको देखते हुए हाल ही में बानेज में वोट देने की प्रक्रिया को बताया गया था।’
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रुपाला ने बताया कि चुनाव के एक दिन पहले वन विभाग के कमरे में मतदान अधिकारी रुकते हैं जो मंदिर से 100 मीटर दूर है। इसी कमरे में ही अगले दिन पोलिंग बूथ बना दिया जाता है। चुनाव आयोग के इस इंतजाम पर एकमात्र वोटर महंत भारत दास कहते हैं, ‘एक वोट के लिए चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया का हिस्सा होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह देश के लोकतंत्र के लिए गौरव की बात है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि पूरे देश में चुनाव के दौरान 100 प्रतिशत वोट पड़े, जैसे मैं जंगल में रहकर वोट दे रहा हूं। वर्ष 2002 से मैं यहां पर वोट दे रहा हूं और मेरे लिए पूरा पोलिंग बूथ बनाया जाता है जो यह बताता है कि भारत अपने लोकतंत्र को कितना महत्व देता है।’
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जंगल में अकेले रहने के अपने अनुभव के बारे में महंत ने कहा, ‘अक्सर रात को शेर मंदिर परिसर में आते हैं। लेकिन अभी तक उन्होंने किसी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास नहीं किया। दिन में यहां पूजा के लिए कई भक्त और पर्यटक आते हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। यहां महाभारत काल में पांडव आए थे और कुंती को प्यास लगने पर अर्जुन ने जमीन पर तीर मारकर जलधारा निकाली थी।
अंदर किसी को रहने की इजाजत नहीं है
इससे यहां एक जलाशय बन गया। सूखा पड़ने पर भी ये जलाशय नहीं सूखता है।’ बानेज ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है और घने जंगलों के बीच स्थित है। यह पोलिंग बूथ गुजरात की शान कहे जाने वाले एशियाई शेरों के गिर सेंचुरी के अंदर है। इस सेंचुरी के अंदर किसी को रहने की इजाजत नहीं है लेकिन बनेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी महंत भारतदास गुरु दर्शन दास पिछले कई वर्षों से यहां रह रहे हैं। बानेज गांव में वह एकमात्र वोटर हैं।
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