शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 900 से ज्यादा प्वाइंट गिरा…
शेयर बाजार में मंगलवार को भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसका प्रमुख कारण अमेरिकी बाजार का दबदबा और फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक को लेकर बढ़ता डर है. अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण भारतीय रुपये में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जिसका असर घरेलू शेयर बाजार पर साफ नजर आ रहा है. इसके साथ ही फेड रिजर्व की नीतिगत बैठक से पहले निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.
कारोबार के दौरान मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स करीब 1000 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया. दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर सेंसेक्स 952.84 अंकों की गिरावट के साथ 80,801.30 अंकों पर कारोबार करता दिखा. इस दौरान सेंसेक्स दिन के सबसे निचले स्तर 80,732.93 तक भी पहुंचा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था. निफ्टी में 288.75 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 24,379.50 पर कारोबार करता नजर आया. कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 300 अंकों की गिरावट के साथ 24,366.40 के निचले स्तर तक पहुंच गया.
3 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान
शेयर बाजार की इस गिरावट का सीधा असर निवेशकों पर पड़ा है. बीएसई का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) सोमवार को 4,60,06,557.30 करोड़ रुपए था, जो मंगलवार को भारी गिरावट के बाद घटकर 4,56,89,322.41 करोड़ रुपए हो गया. इस गिरावट के चलते निवेशकों को एक ही दिन में 3,17,234.89 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.विशेषज्ञों का मानना है कि, बाजार की यह गिरावट आगे भी जारी रह सकती है. फेड रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों से जुड़ा फैसला बाजार की दिशा तय करेगा. इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण भारतीय मुद्रा रुपये पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला तेज हो गया है.
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रिलायंस और एचडीएफसी में गिरावट
इस गिरावट के बीच देश की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली. रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई. बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आने से सेंसेक्स और निफ्टी पर दबाव और बढ़ गया.
प्रमुख कारण: क्यों गिरा बाजार ?
अमेरिकी डॉलर की मजबूती: डॉलर के मजबूत होने से रुपये में गिरावट जारी है, जिसका असर निवेशकों की धारणा पर पड़ रहा है.
फेड रिजर्व की बैठक: फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में ब्याज दरों से जुड़ा फैसला निवेशकों को असमंजस में डाल रहा है.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: वैश्विक अनिश्चितता के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं.