आरबीआई का बड़ा एक्शन, यूपी की इस फाइनेंस कंपनी का रद्द किया रजिस्ट्रेशन…
यूपी मार्गदर्शक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रद्द कर दिया है. नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) और लेंडर्स को री-पेमेंट में चूक के कारण यह रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है. आरबीआई ने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रद्द करते हुए कहा कि, ”कंपनी ने 31 मार्च 2021 तक 5 करोड़ रुपये की न्यूनतम नियामकीय शुद्ध स्वामित्व निधि और 15 प्रतिशत की न्यूनतम पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) नहीं बनाए रखने में असफल रही है. आपको बता दें कि मार्गदर्शक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को 31 मार्च 2021 तक कैश फ्लो के इश्यू का सामना करना पड़ा और अपने लेंडर्स को 49.27 करोड़ रुपये के री-पेमेंट में चूक जाना पड़ा.
ठप होगा कारोबार
केंद्रीय रिजर्व बैंक के अनुसार, ऑडिटर ने पाया कि उच्च नेट एनपीए (82.37 करोड़ रुपये) और घाटे (187 करोड़ रुपये) के कारण कंपनी के कारोबार को जारी रखने की क्षमता पर संदेह है. साथ ही, कंपनी का बही-खाता वित्त वर्ष 2020–2021 के लिए अंतिम रूप देने में भी देरी हुई और 22 अक्टूबर, 2021 को, लगभग सात महीने बाद इसे अंतिम रूप दिया गया.
दो कंपनियों पर आरबीआई की कार्रवाई
हाल ही में रिजर्व बैंक ने एनडीएक्स पी2पी प्राइवेट लिमिटेड और इनोफिन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर जुर्माना लगाया है क्योंकि, वे डिजिटल ऋण पर दिशानिर्देशों और ‘पीयर-टू-पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म’ के कुछ नियमों का पालन नहीं करते थे. इनोफिन को 1.99 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, NDEX P2P प्राइवेट लिमिटेड पर 1.92 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
Also Read: सेबी ने अनिल अंबानी पर लगाया पांच साल का बैन, जानें क्या है मामला ?
बता दें कि, आरबीआई अपने नियमों को लेकर काफी सख्त है, इसी के चलते आरबीआई ने सीएसबी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और मुथूट हाउसिंग फाइनेंस समेत पांच इकाईयों पर जुर्माना लगाया था. आरबीआई द्वारा यह जुर्माना अलग – अलग नियामकीय मानदंडो के उल्लंघन किए जाने पर लगाया गया था, इसको लेकर आरबीआई ने कहा था कि, हर मामले में जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इनका संबंध इन इकाइयों के वित्तीय लेनदेन से नहीं है.