BHU के वाइसचांसलर कर रहे पूरे विश्वविद्यालय का संचालन, परदर्शिता नही है
संसद तक पहुंची, भ्रष्टाचार के आरोपों की आंच, सांसद वीरेंद्र सिंह ने उठाया मामला
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों का मामला संसद तक पहुंच गया है. वैसे तो लम्बे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही इस लड़ाई की जानकारी संसद में बैठे तमाम लोगों और मंत्रियों को भी है. प्रधानमंत्री के काशी आगमन के दौरान भी यह मामला सुलग रहा था. इसी बीएचयू छात्रसंघ से जुड़े कुछ पूर्व पदाधिकारी भी इस समय संसद में हैं लेकिन इस प्रकरण में ठोस निर्णय नही हो सका है. शिक्षामंत्री से लगायत प्रधानमंत्री कार्यालय को दर्जनों पत्र भेजे गये, लेकिन ठंडे बस्ते में चले गये. अब जाकर चंदौली के समाजवादी पार्टी के सांसद और बीएचयू के पूर्व छात्र वीरेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से संसद में उठाया है और कई सवाल किये हैं.
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सांसद वीरेंद्र सिंह ने लोकसभा के प्रश्न काल में कहा कि 3 साल से बीएचयू में एग्जीक्यूटिव काउंसिल है ही नहीं. उन्होंने शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि केवल एक व्यक्ति यानी वाइसचांसलर पूरे विश्वविद्यालय का संचालन कर रहे हैं, जिससे पारदर्शिता नहीं हो पा रही है. उन्होंने जल्द से जल्द से एग्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन करने की मांग की. सांसद वीरेंद्र सिंह बीएचयू के ही पूर्व छात्र रहे हैं.
सांसद ने बीएचयू से ही किया है ग्रेजुएशन
उन्होंने यहां सांख्यिकी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. इसके अलावा, छात्र राजनीति में भी वह सक्रिय रहे. जबकि बीएचयू में एग्जीक्यूटिव काउंसिल न होने की वजह से काफी विरोध होता आ रहा है. छात्रों और प्रोफेसरों का आरोप है कि मनमाने तरीके से नियुक्तियां और प्रमोशन हो रहे हैं. जबकि यह सारा काम एग्जीक्यूटिव काउंसिल का है. 2018 में बीएचयू में नई एग्जीक्यूटिव काउंसिल गठित की गई थी. उसका कार्यकाल पूरा होने के बाद नई एग्जीक्यूटिव काउंसिल पिछले 3 साल से बनी ही नही. एग्जीक्यूटिव काउंसिल में 8 सदस्य होते हैं और कुलपति इसके अध्यक्ष. फिलहाल, कैंपस में इसके गठन को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है. कई डॉक्टर तो अपने प्रमोशन को लेकर कोर्ट तक भी पहुंच चुके हैं. इसी क्रम में डॉक्टर ओम शंकर भी भी अपना आवाज बुलंद कर रहे हैं और लोगों को एग्जीक्यूटिव काउंसिल लेकर जागरुक कर रहे हैं. सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए.
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लम्बे समय से मुखर हैं कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. ओमशंकर
गौरतलब है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर ओम शंकर बीएचयू में भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर काफी मुखर हैं. वह बीएचयू के विभागों में हो रही भर्तियों में अनियमित का आरोप लगाते हुए आवाज बुलंद कर रहे हैं. वह अपने ही विभाग में भर्ती में अनियमितता को लेकर पिछले दिनों होलकर भवन कुलपति से मिलने पहुंचे थे और अपना विरोध दर्ज कराया था. वह कई माह से भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रधानमंत्री सहित अन्य लोगों को पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं. बीएचयू के एग्जीक्यूटिव काउंसिल का मुद्दा संसद भवन में उठने के बाद सियासत एक बार फिर गर्मा गई है.